श्री प्रतिकमण सूत्र | Shri Pratikraman Sutra

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Shri Pratikraman Sutra by भीमसिंह माणक - Bheemsingh Manak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अतुक्रमणिका. ३ आनुक्र्माक. প্রমীলা লাল पष्टांक. ३३ श्रावक पडिकमणसूत्र अथवा बंदितासूत्र अर्थशहित एमां श्राव कने पड़िकमवाना एकशो चोवीश अतिचारोनो विवरो कस्यो ठे. ११९ ३४ अपुछिलेह गुरुखामणां अर्थलहित. ... . .. হইত ३५ आयरिय उवच्याए अर्थ सहित ... को ..... रैपए ६ नमोस्तु वरूमानाय अर्थसदित हक .... १६० ३७ विशाल लोचन अर्थसहित. .... ... हि .... १६२१ ३० सवस्सवि देवसियं अर्थसहित. ... वि ... १६३ ३९ श्रुतदेवता तथा क्षेत्रदेवतानी स्तुति अर्थसदित. .. .... २६३ ४० कमलदलनी स्तुति अर्थसदहित , १६४ ४२ चुवनदेवतानी स्तुति तथा ज्ञाना दियुणयुतानां अर्थसहित. ... १६५ ४१ अड्डाइकेसु मुनिवंदन अर्थलहित „... १६६ ४३ वरकनक अथवा सप्ततिशतजिन स्तुति अर्थसहित ... १६६ ४४ सकल तीर्थं वंदूं कर जोड. तीर्थवंवना | ६७ ४५ लुं तिस्तव अर्थसहित तथा एनी उत्पत्ति पण देखाड ठे... १९४ ४६ चजक्रसाय पडिमन्नुन्नरण अर्थसहित ... १७७ ४५ पोसदनुं पच्चरकाणए, करेमि संते पोसदं ए अर्थसहित ... १७९७ ४५ पोसह्‌ पारवानी गाथा, सागरचंदो कामो अर्थसहित ... १९४ ४० जरहेसरनी सज्ञाय थर्थसदि त,जरदेसर बाडुबह्ी.... .... २०० ५० मन्द्जिणाणंनी साय अर्थसटित 1 ... २८६ ५१ संथारा पोरिसी अर्थसहित ... गण ५२ ज्ञानपंचमी स्तुति, श्रीनेमिः पंचरूपं अर्थसङहित .... १९०७४ ५३ सकल्ाहँत्‌ अर्थसहित রঃ | कल ... १९ ५४ श्रावक पाक्षिकादि संकेपातिचार, ... ... .. ११ ५५ श्रावक पाक्षिकादि विस्तारातिचार. ... ११५ ६ नवस्मरण मध्यें प्रथम पंचपरमेष्टि नमस्कार, संक्षेप अर्थलहित. १९७ ५७ जवसग्गहरं छितीय स्मरणनो अर्थं चम्मोतेरमां पेचमा स्षखायो >. २९ ५७ संतिकरस्तोत्रनामक तृतीयस्मरण अर्थसहित. .... १२४ 2५० तिजयपहुत्त नामक चतुर्थस्रण अर्थसहित. .... .... १३६




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