मोक्ष मार्ग -प्रकाश भाग 2 | Mokshmargprakash Volume - Ii
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
366
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२३३
२६३४
२६५
७
६९६
८.१३)
पक्ति अशुद्ध शुद्ध
१ +ज्ञु० + जु० भ०
*६ ३ युगल २ युगक
२१ उथय उदय
२१ ११२५ १११२
२४ ८९३ थै पुल
२ নারদ पर्चिँश्न
হ जहां जहां इका अंक द वहां वंहां ठ समझना
चाहिये
८ ९ 9९
भायुके खानेमें जहां ९, हैं वहां १ समझना चाहिये
७ सेके हुए फेंके हुए
२२ कमोके नाशक हैँ... पाप कमझो, झुम भाव
जो मंदअपायरूप हें ने
पुंण्यक्मक्ी वांपते दें |
'झुद्ध भाव नो वीतराग-
रूप हैं वे कमोके.
नाशक है. ` `
१९ मुभादि तकं मुजादि त्क्व
६ शश्र शोक
२२ समंतमभद्वाचार्य भपरूनचद्रचवंः
ও निपयोननं विप्तेयोनन
१७ बुद्धि वृद्ध
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