मोक्ष मार्ग -प्रकाश भाग 2 | Mokshmargprakash Volume - Ii

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Mokshmargprakash Volume - Ii by ब्रह्मचारी सीतलप्रसाद जी - Brahmchari Seetalprasad Ji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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२३३ २६३४ २६५ ७ ६९६ ८.१३) पक्ति अशुद्ध शुद्ध १ +ज्ञु० + जु० भ० *६ ३ युगल २ युगक २१ उथय उदय २१ ११२५ १११२ २४ ८९३ थै पुल २ নারদ पर्चिँश्न হ जहां जहां इका अंक द वहां वंहां ठ समझना चाहिये ८ ९ 9९ भायुके खानेमें जहां ९, हैं वहां १ समझना चाहिये ७ सेके हुए फेंके हुए २२ कमोके नाशक हैँ... पाप कमझो, झुम भाव जो मंदअपायरूप हें ने पुंण्यक्मक्ी वांपते दें | 'झुद्ध भाव नो वीतराग- रूप हैं वे कमोके. नाशक है. ` ` १९ मुभादि तकं मुजादि त्क्व ६ शश्र शोक २२ समंतमभद्वाचार्य भपरूनचद्रचवंः ও निपयोननं विप्तेयोनन १७ बुद्धि वृद्ध




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