जैन तत्त्व प्रकाशिनी सभा [पूर्ण विवरण] | Jain Tatva Prakashini Sabha [Poorna Vivarana]

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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হরর রি (९५) दश्शनावन्द्जीके चेलेश्ञानभार इसको/शास्त्रार्थ करता मंजर है और- सनकी जिन्ना्ानुषार मगट करते ₹ किः यह.थाद्ञाथे रथान गोदी नियो भाल पी द्निके २ बजेसे १ घे तक्ष विषय “शगत्‌श्रा कतत द्व है या नहीं” श- चवा हमरे पूवै भकाधितत विषयपर-दोगा ।-और प्रबंधक जिये भष्यरय पुलि- स्‌ मौजद ही है.। हर क ० चन्द्रसेन जेन वैच, मंत्री अक এ ৭. ফী জলতন্জ সন্ধাতিনী सभा इटावा झगमेर ता० ३० जन ९९९२ प्रातःकाल हा म दर लव >तजलक, ४ शससे.प्रथम पन्न द्वारा स्वामोनीकों भेज दिया गया और पाट्‌ यष्टी छपाफर स्वेसाधारणमें वितोणें कर दिया गया। इसके তন আছ बजेके ^. जगभग खाती जीक्षा निम्त पत्र घ्रयोतूः-- ` টি - উন | ` , .॥ श्रीम्‌ :: ; ` न° ३१३ ३,. ,, ছীলনু-ল্নমহরী |... 7747. £. ১১১7 शापका पत्र तां० ३० जन १९१२शा अपी ९ बजे प्राप्त हुआ उत्तर से. | निवेदन है कि वेद्कि ध्मोषणस्वियोंके लिये इससे अधिक प्रसन्नवाकी. बात | और प्या हो,सक्ती है क्ि,सत,भतान्तरोंके श्ीय' सस्यता पूर्वेज्ष .पाएस्परिक । प्रेमभावते लक्षण মৃদাযীজী হাখনিজ संघोदानसार- स्वभन्तव्यासन्तव्य-पर दिचार करके सर्के-प्रहण और-घासत्य के त्याग- करनेसे तत्पर हर । दो | ' घने ভাঙা गोदों की, ससियां नामकं स्वान स. नियम पूरव शाखाणे करंगा स्वीकार है तद्नु धार उपस्थित रहूंगा । कृपया एक ऐसे प्रधानका प्रब॑ध करे |: জী निर्यभादि' पालन करामेका यथावत्‌ प्रदंध फर सके. ৪2৮ ` - मवदीयं-द्शनानन्दं सरस्वती , .. নৌ ३०1६१ ११ 1.१९ बजे प्रातः. दि শত और एक वर्जेके शग सग आय्येसनाजकी ओरसे निम्न विज्ञापन प्राप्त हुआ । ह श) ॥ ০ जैनियों से शाखाधं। , सवै साधारा सूचना दीज़ाती है क्ि,झाज तारीख ३०-६५ ३० को | दुपहरक्षे २ बजेसे गोदोंकी:नतिप्रांसे जेनियोंक़ी जिज्ञासानुधषार श्रोचान्‌ स्वामी | ५९ क




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