बंगला और उसका साहित्य | Bangala Aur Usaka Sahitya

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Bangala Aur Usaka Sahitya by हंसकुमार तिवारी - Hanskumar Tiwari

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बंगला भाषा और उसका ग्रादिकाल १९ कविता ही जो धारा थी, वह बगला-साहित्य मे आज भी अबाध रूप সস ১ स बह रहाँ हू | आदि रूप का आनुमानिक काल इस प्रकार यह अनुमान किया जा सकता हे झलि आठवी से बारहवी सदी तऊ के अरसे मे बगला-भाषा का आहि रूप तैयार हो रहा था ।




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