अप्रर्वाचीन राजनीतिक चिंतन | Aprvarchin Rajnetik Chintan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : अप्रर्वाचीन राजनीतिक चिंतन  - Aprvarchin Rajnetik Chintan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about प्रभुदत्त शर्मा - Prabhudutt Sharma

Add Infomation AboutPrabhudutt Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
माक्सं के बाद समाजवाद 1 पर्मादचारगाद : श्डवडं दंसंटाइन (কাস : एवनधठ एलण्ञल०, 18501932) पुनविचारवाद (85515192152) पुनविचारवादियो द्वारा সান के सिद्धान्त की कटु आलोचना की गई भौर इस बात पर बल दिया गया कि माइसंवाद के क्रान्तिकारी पहलू की अपेक्षा विकास- वादौ पहलू पर बल दिया जाना चाहिए तथा परिवर्तित परिस्थितियों मे मार्क्सवादी सिद्धान्तों से प्रावश्यक्तानुसार सशोधन दिए जाने चाहिए। यूरोप में पुनविचार- वादियों भ्रथवा सशोधनवादियों झौर सुधारवदादियों के इस उदार तथा व्यावहारिक समाजवाद के सिद्धान्त प्रथम विश्व युद्ध से 25 वपे पूर्द विधिघ विद्वानों जैसे, जमंनी मे एडवड़ं वरदाइन (८५९६५ 8तापऽएटाण) , फ्रास मे जीन जोरेस (1६27 280९5), बेल्जियम मे असीले (500०५ 4751616}, इटली मे विस्सोलाटी (८०५० 65००६}, खस मे टुयन बेरोनोस्की (7४६०० 82700 0516#}) ठया स्वीडन मे कालेंब्र दिग (1811 72०119६) के दक्तव्यों तया कायो मे ग्रौर्‌ बेत्जियम के मदुर दल, दक्षिणी जर्मन राज्यो की समाजवादी प्रजातान्त्रिक पार्टियों, फ्रॉस की स्दतव्र समाज- बादी पार्टियों तथा दर सिस्‍्टो (87005550) और इटली की समाजवादी पार्टियों के सिद्धान्तों दया युक्तियों मे प्रकट हुए । इस सुधारवादी समाअवाद (राणा 50612157) के सिद्धान्त वरटाइन जोरेख तथा टुगन बेरोनोस्की के छेखो एव रचनाग्रो म विश्‌ रूप से उपलन्ध है दिन्तु इनमे भी सर्वाधिक मह्वेषूएं दसंटाइन স্বীই তিন सुषोधनवादी श्रयवा पुनदिदारवादौ (९५151०915) श्रान्दोलन का प्रणेता कहा जाता है । वरसंटाइन ने मा्संबाद के विकासवादी पहलू पर वल दिया, मास द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्तो को तथ्यों म्ये दृष्टि सदोधी पाया और कहा कि সাল ঈ बुद्धिमान शिष्यों को अपने मुरु वी प्रत्येक दात को प्राँखें बन्द करके स्वीकार नहीं करना चाहिए, बल्कि इसमे जो सत्य है उसे ग्रहण करना चाहिए प्लनौर जो असत्य है उसका परित्याग कर देना चाहिए। एडवर्ड बसेटाइन (5৫551. 8৩7251655) एडवर्ड दर्सटटाइत का জন্ম ভন 1850 से बलिन में एक लोकोमोटिव इंजीनियर कै परिवार मे हुआ था । उसका सामाडिक जीवन सव्‌ 1872 में समाजवादी प्रजावान्त्रिक दल (5002 08ए70८30९ एेव्या५) की सदस्यता से शुरू हुप्ला 1 सतू 1878 मे जव समाजवाद विरोषी दादुन पासति हुम्ना तो बकूँटाइड को जर्मनी से बाहर लगभग 20 दर्ष एक निर्वासित के रूप मे व्यतीत करने पड़े । सन्‌ 1900 में जमेनी लौटने पर उसने पुनदिचारदादी झान्दोलन को बागडोर सम्भाल ली और साशल डेमोक्रेंटिक पार्टी केक्टु वियोद के दावजूद युवकों को बडी सीमा तक प्रभावित किया । पुनविद्यारदाद के प्रति विरोध का नेता कॉट्स्की था। बसेंटाइन का सन्‌ 1914 तक उससे सेड्धान्तिक सघर्ष चलवा रहा। सन्‌ 1932 में इस महान्‌ सशोघन- थादो नेता की मृन्यु हो गई 4




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now