अणुव्रत-आंदोलन | Anuvrar-Andolan
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
359 KB
कुल पष्ठ :
48
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(५)
चलती है । बुरा গলদ গল মানবিক আলীম অহনা दै मौर
समाधान के लिए धरम वी ररण लो जाती है, परमात्मा की
प्राथना की পালী * গীত इससे छुछ रान्ति मिनी टै) किर
बुराई की ग्रार पाव बतत हैं फिर শালির গীত টিপ ঘন কী
शरण ! घम की यह वरशा पविय पर शुद्ध बनने के! लिए नही
ली णाती किस्तु बुराई वा पत्र>यहाँ या भ्रगले जम भे॑ कमी
और कही भी 7 मित्रे, इसलिए ली जाती है। तात्पय यद है वि
बुद्य बने रहते के लिए झाटमी धर्म का पवच घारण वरता है।
गही है धम व साथ सिलवाड या आात्म-वचना ।
লতা से आम-सममन ঘথলা £। অযবী দনশি অত
है दि थुराई वा सुरित रसन के लिए धम वी शरण न ला,
ङितं उसमे बचने गे” लिए सो । घम प्रवित्र श्रात्मा में दहरता
है ( घम्मा धुदस्स चिंठुद ) ত্র গাপাকন মা उद्दय है--
जीवन पवित्र बन । दनिकः व्यवहार में सवाई और प्रामाशियता
श्रयं । घम कौ भूमिका विक्रसितहो)
धम णा तयनीत
जन थीद्ध, बदित इस्लाम ईमाई आदि নব धम
सम्प्रदाय हैं। ये घम नही हैं धम वो सममने वी विचार पाराए
हैं। धमें 4 पीछे जन या बौद्ध यम वी मुद्रा नरी है। वह
सवै लिए समान है। घम थो समनान वाले तीयद्ूरा,
आपायो और उपदशका के पीछे सम्प्रदाय या मत् नलत ह ।
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