हिंदी शब्दसागर | Hindi Sabdhsagar

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Hindi Sabdhsagar by श्यामसुंदर दास - Shyam Sundar Das

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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निभर्स कि अर 1 कि के निमटनां सकल एप नाना दा हे 7 बेसे ही थाड़े दिन शोर सही । ४ बराबर होता | निम्नांत- वि० दे० निसीात व्लना । पूरा होना । सपरना । सुगतना । जेसः यहाँ का | निमंत्रण-संज्ञा पुं० सं० वि० नि्मत्रित १ किसी काय्य के काम तुमसे नहीं निशेगा। श किसी बात के अनुसार |... लिये नियत समय पर के लिये ऐसा अजुराध जिसका .... निरंतर व्यवहार होना | पालन होना । परा हाना । चरि छाकारण पालन न करने से देघ का भागी होना पड़ता हे ता होना । जैसे वचन चिभना मतिज्ञा निमना । दे |... इलावा । आह्वान । लिवहना समर हट ४ क्रि० प्र०--करना ।--देना लि कर २ साजन श्रादि के लिये नियत समय पर आने का झ्नु रघ | खाने का बुलावा । न्योता । कल गा _ दि० प्र०-करना देना कि दा से ० न्रि०्नननाना । सन निमरमर-वि० सें० निर्मम | जिसे था. जिसमें. किसी प्रकार की शंका न हो । जिसे या. जिसमें कोई खटका नेट हू हा कि विष निःशंक । बेखटके । बेघड़ड़ । .... निमश्मा-वि० से० निम्नम | जिसका परदा ढका न है । जिसकी कलाई खुल गई हे ।. जिसकी थाप या सादा ने रद्द गई कद हे । जिसका विश्वास उठ गया हो । न निभशेसा-वि० दिं०. निज भरोसा संज्ञा निमरोसा जिले | न हो । निराश | इताश .. कप गए निभरासी दिं० नि नहीं भरोसा |. 9 ४ जिसे कोई भरोसा न रह गया हा । निराश । हताश। ९ जिसे. किसी को झासरा भरोसा न है । निराश्रय । विराधार । बिना सहारे का । हीन । इ०--कीन्दरेसि कोइ निभरासी कीन्देसि | _ कल ० करना । काइ बरियार | छारहि ते सब कीन्‍्हेति पुनि कीन्डेसखि सब निम-संज्ञा पुं० सं० शक्षाका । शक । हे है छार ।--जायसी । ...... । निम्नकर्ू-उंश्ञा पुं० दे० नमक | निभागा-वि हिं० निन भाग माग्य झमागा | बदकिस्सत । निभाना-क्रि० स० . हिं० निबाहना |. १ निर्वाद करना । |... में तली हुई मेदे की सायनदार नमकीन टिकिया | हर किसी. बाते का बरावर चलाए चलना 1. बनाए निमकेाडी-संशा स्ती० दे० ली ...... जारी रखना । संबंध या. परंपरा रक्षित रखना जेसे नाता |. निभाता प्रीति निभाना घमे निभाना । २ किसी बाल |... के झजुसार निरंतर व्यवहार करना । चरितार्थ करना । पुरा | न्रुण का पाक्षन न करने पर देव का भागी होना पड़ता दे किया गया हो । सूपहिं निसंत्रेड सुनिवर । मान्य चुप तब शासन सुनि कर रघुराज । दिया गया है। । आहूत । २ तन्सय 1 फ्रिल्‍ प्र०्नकरना ।-नहीना। करना ।. पालन करना ।. जैसे प्रतिज्ञा निभाना उ०न्सारंग बचन कहयों करि हरि को सारंग की काम न हो । अवकाश । फुरसखत । छुट्टी ल्गानेवाल्षा । गाते मारकर समुद्र आदि के नीचे की चीजों _. को निकाल कर जीविका करनेवाला । विदेष-- आमंत्रण और निमंत्रण में यह भेद है कि निमं- ं निमंत्रणपन्न-संदा पुं० से० बह पत्र जिसके द्वारा किसी पुरुष. एम सेसाज उत्सव आदि में सम्मिलित होने के लिये अजुराध नि्ंत्रना-+कि स० सँ० नि्मत्रण | न्योता देना। इ०--पुनिषुनि का निमंत्रित-वि० स० जा निमंत्रित किया गया हो । जिसे ब्योता ४ । निमकी-संज्ञा ख्री० फा० नमक 90 बीबू का अचार । रु थी... ही | निमगत-वि० स खी० निमग्ता १ डूबा हुआ । मरने प्र | निमछड़ा-संजञा पुं० हिं०. छाड़ना | ऐसा समय जिसमें कोई री पक .. निमज्ञक-संज्ञा पुं० सं० समुद्र झादि. जज्ञाशयों में ला




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