प्रकाश | Prakash
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
228
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दृश्य ] पहला पक [ १७
के जेब में सोने के क्लिप का फाउस्टेल-पेन । परों सें गुजराती
स्लीपर हे। प्रकाशचन्द्र गोरे रंग का, लगभग वाईस वषं का,
ऊँचा, भरे हुए शरीर शौर मुख का श्रत्यन्त सुन्दर युवक है।
रेख निकल रहो है। खादी का कुरता, घोती श्रौर गांधी टोपी
पहने है । पेरो में गुजराती स्लीपर हे । |
प्रकाराचन्द्र : यह् भेद-भाव यहाँ क्यो रखा गया है ?
नेस्टफोल्ड : मालूम होता है, श्रापने पहले-पहल ही इस तरह
की पार्टी देखी है ।
प्रकाशचन्द्र : जी हाँ, में गॉव से इस नगर मे कुछ ही समय
पूर्व श्राया हुँ और इन थोडे से दिनो मे ही यहाँ का जो
अनुभव हुआ है, वह बड़ा विचित्र है।
[ नेपथ्य में सोटर का बिगुल बजता है, फिर मोटर खड़े
होने का शब्द श्राता है ! लाल वर्दी पहने हुए एक सिपाही
का प्रवेश 1 ]
सिपाही : (श्रजर्यासिह फो सलाम कर) लाट साहव तशरीफ
ले आये, हुजूर ।
[ श्रजयसिह जल्दी-जल्दी जाता है। सिपाही पीछे-पोछे
जाता ह 1 श्रागे-श्रागे गवर्नर कौ लेडी श्रौर उसके पीे गवर्नर,
चीफ सेक्रेटरी और गवर्नर के एडीकाँग का प्रवेश । सबसे पोछे
श्रजयसिह आता है। गवर्नर, लेडी श्र चोफ सेक्रेटरी साधारण
श्रेंग्रेज्ञी कपड़े पहने हे; एडीकॉग को फ़ौजी वर्दी है। प्रकाश-
चन्द्र गवर्नेर से वात करने के लिए श्रागे बढ़ता है, परन्तु गवर्नर
विना कोई ध्यान दिये गहौवालो कुसियो को श्रोर जाता है ।
नेस्टफोल्ड भो प्रकारचन्द्र को वहं छोड उसी श्रोर जाता है ।
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