विश्व-प्रसिद्ध खोजे | World-Famous Discoveries

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रॉकेटों को बेहतर रूप मे बनाया जा सके, तो ये समुद्री युद्ध में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कांग्रीव द्वारा निर्मित रॉकेंटों का उपयोग सन्‌ 1812 में अमेरिका में युद्ध में हुआ। रूस के कान्स्टैण्टिन जिओल्कोवस्की नामक वैज्ञानिक ने सन 1898 में रॉकेट द्वारा ब्रह्मांडीय अंतरिक्ष का अन्वेषण नामक पुस्तक लिखी। यह पुस्तक अतरिक्ष यात्रा के नए विज्ञान की आर्रभिक कड़ी थी। सन 1920 में जर्मनी तथा अमेरिका के वैज्ञानिकों ने द्रव ईंधन वाले रॉकेटो का निर्मांण किया। द्रव ईंधन के उपयोग की बात जिओल्कोबस्की ने की थी। तब उनकी बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया था। अमेरिका के राबर्ट गोडार्ड ने भी रॉकेट निर्माण की दिशा मे महत्वपूर्ण कार्य किया। गन-पाठडर यक्त रकिंटो के वारे मे उसे मालूम ही था। उन्होने द्रव इधन का रॉकेट में प्रयोग आरभ किया। उन्होने निष्कर्ष निकाला था कि ठोस ईंधन की जगह द्रव इंधन से ज्यादा शक्ति प्राप्त की जा सकती हैं। गैखिपियों गैलितसि (1564-1642) इतालवी भोतिकशास्त्री तथा गणितज। खग्ोलशास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योपदान। सत्र 1660 मे दूरदर्शी কা आविष्कार ऊिया, निमसे चंद्रमा की सतह को पृथ्वी से देख पाना सभव हो पाया। गोडार्ड ने जिस द्रव ईंधन का उपयोग किया था, वह गैसोलीन था जो पेट्रोलियम से प्राप्त होता है। गैसोलीन को द्रव आक्सीजन में जलाया गया। आक्सीजन गैस दवाव पर ठंडा करने से द्रव में बदल जाती है, जिसे लॉक्स (10:0) कहते हैं। सन्‌ 1926 में गोडार्ड ने अपने प्रथम द्रव ईंधन युक्‍त रॉकेट का परीक्षण किया। परतु यह रॉकेट ज्यादा ऊंचा न जा सका। सन्‌ 1929 में योडार्ड ने एक दूसरा बेहतर रॉकेट उडाया। यह रॉकेट लगभग 90 फुट की ऊंचाई तक गया परंत नियत्रण के अभाव में रॉकेट एक ओर झुक कर पृथ्वी की ओर तेजी से आकर गिर जाते थे। 17




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