तत्वार्थ सूत्र (मोक्ष-शास्त्र) | Tatwarth Sutra (Moksh-Shastra)

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Tatwarth Sutra (Moksh-Shastra) by ब्रह्मचारी मूलशंकर देसाई - Brahmchari Moolshankar Desai

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तत्त्वार्थ सूत्र ] [ ३ 11९ के [ अगाय नगाराश्र || १६॥ अगुवतो5गारी ॥२०॥दिग्दे- रानथदडतव्रिरतिस्तामायिकम्रोषधोपवासोपभोगपरिभोगपरिमाया तिथिसं विभागवतसम्पननथ ॥२१॥ मारणान्तिक्षीं सन्लेखनां जीएिना ॥२२॥ शंकाकांकाविचिकित्सान्पचिप्रशंसासंस्तवाः सम्यस्दष्ट रतीचाराः ॥२३॥ वतशीलेष पंच पंच. यथाक्रमं ॥२४।॥ बन्धवधच्छेदातिमारारोपणान्रपाननिरोधा। ॥२५॥ मिथ्योपदेशरहो+पाखझूयानकूटलेखक्रियान्यासापहार साथ र म॑- त्रभेदाः ॥२६॥ स्तेनप्रयोगतदाहतादानविरुद्धराज्याति कमहीनाधिकमानोन्मानप्रतिरूपकन्यवहाराः ॥२७॥ परवि- वाहकररणोेत्वरिकापरिगृहीतापरि गृहीताग मना नं गक्की डाका मती - वामिनिवेशाः ॥२८॥ क्षेत्रवास्तुहिरएय सुवर्शधनघान्य दासी- दासङ्कप्यप्रमाणातिक्रमाः ॥२६ । उऊध्योधस्तियग्व्य तिक्रम- जेत्रवृद्धिस्म॒त्यन्तराघानानि ॥३०॥ आनयनग्रेष्यप्रयोगशब्द- रूपायुपातपुदलक्तेपाः ।२१।॥ कन्दपकोत्कुच्य मौखर्यासमी- क््याधिकरणोपभोगपरिभोगानर्थक्यानि ॥३२॥ योरदुः प्रणिधानानादरस्पृत्यनुपस्थानानि ॥ै३॥ अग्रत्यवेज्षि- ताप्रमार्जितोत्सगादानसंस्तरोषक्रमणानादरस्प्रत्युपस्थानानि ॥२४॥ स्चित्तसम्बन्धसम्मिश्रासिषबदुःपक्राहाराः ॥२३५॥ सचित्तनिक्तेपापिधानपरबव्यपदेशमात्सयकालातिक्र माः ॥२६॥ जोवितमरणाशंसामित्राउुरागसुखानुबन्धनिदानानि ॥३७॥ ्रनुग्रहाथं स्वस्यातिसर्गो दानं ॥३८॥ विधिद्रव्यदादपात्र- विशेषात्तद्विशेषः ॥३६॥




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