राजस्थानी वेलि साहित्य | Rajasthani Vaili Sahitya

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Rajasthani Vaili Sahitya by नरेन्द्र भानावत - Narendra Bhanawat

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about नरेन्द्र भानावत - Narendra Bhanawat

Add Infomation AboutNarendra Bhanawat

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
प्रमुख वेलियों का अ्रध्ययन जे (१) विहृति बेलि ३५४ (र) पंचगति वेलि ३६१ (३) गर्म वेलि ३६७ (४) बृहद गरम पेलि ३७३ (५) जीव वेलड्री ३७८ (६) एंचेन्द्रिय वेलि ३८० (৩) चटलेश्या वेलि ३८५ (०) ग्रगठाणा वेलि ३६० (६) दारह भावना वेलि ३६३ (१०) चार कपाय वेलि ४०२ (११) क्रोध वेलि ४०५ (१२) प्रतिमाधिकार নি ४०८ (१३) कत्प वेल ४१० (१४) छोहल कृत वेलि ४११ (१५) हीर जम यूरि देशना वेज्ञि ४१४ (१६) प्रदवन रचना देति ४१६ (१३) ऋमृत बैलिनी मोटी सज्काय ४२३ (१८) अमृत वेलिनी नादी सज्काय ४२६ (१६) (१६) संग्रह वेलि ४२७ चतुर्थ खण्ड (लौकिक वेलि साहित्य) मवम ध्रध्याय : लौकिक वेलि साहित्य ४३५-४७० सामान्य परिचय ४३५ सामान्य विधेपताए' ५३६ प्रमुख वेलिों का प्रध्ययन (१) रामदेवजो री वेल ४२८ (र) शटपादे रो वेल ४४३ (३) तोलादे री वेल ४४८ (४) बावा ग्रमान भारतो री वेल ४५६ (५) भाई माता री ঈল ४६० (६) पीर गुमानसिध री बेल ४६४ (७) रानी रत्नादे री वेल ४७० (८) शवल बेल ४७५। सहायक ग्रथों की सूची ४७६-प४ नामानुक्रमणिका ४८५ ग्रथानुक्रमणिका ५०४ स्यानानुक्रमणिका ५७६




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now