मुर्ख मंडली | Murkh Mandali
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
59 MB
कुल पष्ठ :
111
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पहला अक--पहला दृश्य १७
गोपाल०--लड़की को अगर देखना चाहें ?
भगवती ०---अभी !--नहीं साहब दो दिन सबर
करना होगा | दो दिन के बाद ही प्रसव होगा ।
गोपाल०--प्रसव होगा ? तो क्या लड़की के गर्भ है ?
भगवती ०--आप कहते क्या हें साहब ? ऐसी लड़की
के साथ आपका ब्याह कराऊंगा ? आपने क्या मुझे
ऐसा आदसी समझ रकखा है ? मेरे कहने का मतलब
यह है कि लड़की अभी पेदा नहीं हुईं है यही दो-एक
दिन में पेदा होंगी ।
गोपाक्ष ०--( श्यामलाल से ) इस तरह के रल और `
तुम्हारे यहाँ कितने हैं ?
श्याम ०--कितने चाहते हो ?
गोपाल्०--इसी तरह की कोई एक लड़की न ठीक
कर दो ।
श्याम ०--इसी तरह की दाढ़ी-मूछवाली ?
भगवती ०--( एंकाएक ) हो गया हो गया ! और एक
लड़की हे । लेकिन हा, उसकी उमर कुचं ज्यादा ह-
गोपाल०--कितनी उमर है ?
भगवती ०---बहुत आधेक नहों। यही पंतालीस व
लगभग होगी । द
श्याम ०--रह ने दो ! ज़रूरत नहीं है ! अब उठो।
मोहन ०--कितना दिन चढ़ा है ? भगवती की घड़ी
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