हमारी खुराक | Hamari Khurak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
100
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हम क्यों खाते हूँ ? ११
या बहुत छोटी मर्यो परे इन पीर्घोको खाती ई, पश्चात् उनक्ो
कुछ बड़ी मछलियाँ
खाती ई, वादमें उन
कुछ बड़ी मठलियों-
को उनसे बड़ी मछ-
लिया जेते कॉड,
शार्क आदि खाती
हैं। फिर हम उन
मछलियोंकोीं खाते हैं। अच्छा तरीका तो यह है कि जब হুল उन का
या झाक मछलियोंके कलेजेका तेल पीते ४, तब हमें इस विदामिनका
कुछ द्विस्सा मिलता है । इसपर कविक्रे ये पद याद अते द--
बड़े पिस्छुओंकी कमरपर
छोटे पित्यू काटनेके लिए होते ई
ओर छोटे पिल्छुओंको काटनेके लिए
ভল भी छोटे ঘিচ্ছু হাব ই
ओर सिलसिला योौंही चलता रहता है ।
विटामिन बी के बारेमें शुरूमे लोगोंका यह ख्याल था कि चद्
एक ही तत्व है, किन्तु अब चह पता चल्य है कि विटामिन ध्वी की
बहुत-सी किसमें हैं जिनको विटामिन बी/(१) और बी'(२) में विम
किया गया है। विटामिन बी!(१) बहत आवश्यक ই | यह घरीरके
अन्दर कार्बोहाइड्रेठके कामकों नियन्त्रित बरता है। दारीरमें इसका
अभाव द्वोनेपर बेरीवेरीकी बीमारी हो जाती है लिमते पेर कमजोर अं
निःशक्त हो जाते ६ ओर हलिण्ड शरीरमें खून पहचाना बन्द कर देता
है। हमारे देशके आमन््र प्रान्दके किसी-किसी भागमें तथा बाहर रच
जावा और पूर्वी एशथियाके अन्यान्य देखॉमें वेरीवेसेकों बीमारी
देखनेम आती है | अब यद्द देखना दे क्वि यह दीमारी क्ष्तों होती है
किन-क्िन खादा्योंमें विटामिन बो(१) मिलता हूं ।
+
1
^
प्राय
User Reviews
No Reviews | Add Yours...