आर्थिक विचारों का इतिहास | Aarthik Vicharon Ka Itihas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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4 आर्थिक विचारों के इतिहास का अर्थ, महत्व, उद्भव एवं विकास (8620100, 101010162706) 01168 20৫ 09010101071 01 0156075 01 609201010 103001) प्राधिक विचारों के इतिहास का प्रवं एव অহিসাণা (62798 500 1941011100০ 1015030% ০1 5907প1 71808880) .-प्रत्य दुतरे सामाजिक शान की तरह राजनैतिक श्र्पशास्त्र और इतसे सम्बन्धित विचारों का उद्भव एवं विकास भी शतार्दियों की एक लग्बी प्रक्रिया मे गु था हुआ है । साधारणतया इतिहास! मे मानव जगत को साप्राजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक क्रियाओं परि- स्थितियों एवं उनके परिणामों का ऋ्मदद्ध विवेचन होता है। 'प्रायिक विचारों के इंतिहाम! में मानव-जमत के आरधिक विचारों को, जितका उद्सव एवं विकास शान्दियों की सम्दी ूखला में व्याप्त है. क्रमबद्ध विवेचन किया जाता है। *प्रयंभास्त्र' और “इतिहास! इत दोनों शब्दों का श्रयोग्र विभिन्न विद्वानों दवारा तीन हो मे क्रिया गया है-- (क) भ्राथिक इतिहास झयवा औद्योगिक इतिहास (80010 19009 9710৫501781 (75109), (জ) গধগাজর পন ঘবিহাল (69019 ০ £0070प7०), श्रौर (ग) आधिक विचारो ব্যা হনিবায (75:01 01 £০০00770 [০28] | সীৎ ইন (षण प्रका) ने इसी मत को इस छहदों में व्यक्त किया है, “इतिहास भौर अर्थशास्त्र शब्दों का प्रयोग प्रध्ययत की तीन विभिन्न शाखाग्रं के धन्त निपा जाता है | एक और है--आधिक इतिहास যা श्रौद्योगिक इतिहास, जैसा कि इसे नि.संकोच पुकार जाता है; तथा दूसरी श्रोर पह्यर सप्बत्थित विपय हैं--ग्र्थशास्त्र का इतिहास तथा श्राथिक विचारों का इतिहास (१०४ प्रायि इतिहास ब्रयदा श्रौद्योगिक इतिहास पानव-जाति की श्रायिक कीच गई प्रगति का ऋमबद्ध अध्ययन है। मानवन्जाति द्वारा अपनी विभिन्न मावश्यकताप्रों फी पूति के देतु जिन विभिद्र अणक संस्याधरों (८०००००० চন माधण) ৯০৫ £৩0707705 হাত ঠিএটর 20, प्ट पर मर টি १ 018069८ ৩£ ५५९५. ५ ॥ पषा ल १८ 5009 60 1009$0131 ह18019 85 ४ ऽ ६ 0 प ऐ 1 ওত 00 হত টি ০1০5015 220৫0 যো 2০৫ 1815607% 61 06765 16087 >>, सब भेकी




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