यूनान का इतिहास | Yunan Ka Itihas
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
196
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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सागर के तटा पर अधिक शीघ्र रोघ अने लो । वे उ
असबाब को यूनानिया से लकड़ी या ऊन से बदल लत य बोर
उस के बदले नर ओर नारियो तक को ले लत थे जिन का टूनानी
गुलामी को भांति बबंत थे | कुछ समय में य्नानी फीनशिया
वालों की सब बात जानने छो। उन्हों न उन की वणमाला ओर
माप तोछ सब जान ली ओर फनेशिया वालों ही के से जहाज
सनाकर सगर क तट के पास रह कर सागरयात्रा करन छगे।
पद़िले जब थे सागर यात्रा करत थे तो यह यात्रा इतनी
व्यापर की इच्छा से नदं होती थो जितनी की जलम छूटन की
नेछा स | जल का लुटेरापन दोष नहों समझा जाता था। बीर और
साहसी मनुष्यो क एक टोली अपने जदाज पर बैठ कर समुद्र
के किनारे के पास पास यात्रा करती थी আহ আনি किसी
व्यापारी का जदाज देख पड़ता था तो उच्च छूट लेती थो। यह
उतर कर तट पर के गावा को भी लूट लेती थी। इन छुटेरा के
भय से गांव वाले प्रायः अपने अपने पुराने घरों को छोड़
दतेथ ओर सुद्र के किनारे ते दुर जा वसते ये।
६-होमर का कविता के गुथ নাল म बहुत प्राचीन कार
से दो बड़ बड़े कबिता के अथ चले आत है जिन का यूनानी
लोग होमर नामक एक अकेले कबि का बनाया हुवा समझते हैं।
इन में एक का नाम इलियड है, जिस में ट्रोय या इंलियन के
अवरोध में के वीरों की बीरताओं का ज्ञत्तान्त है ' इन किस्सो
के अनुसार इलियन के राजा प्रियम का पुत्र परिस स्पारटा
के राज़ा मेनेलास की स्त्री को भगा ले गया । इस का
नाम देलेन था । उस को पुनः छीनन के बिचार से यूनाना
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लोगो ने मिलकर ट्रोय को घर लिया ओर दश वष के अवर।ध
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