अपनी छाया | Apani Chhaya

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Apani Chhaya by ओस्कर वाइल्ड- Oscar Wildeरामकुमार -Ramkumar

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रामकुमार -Ramkumar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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फराने के लिसे कहा । परन्तु यह॒॒ परिचय होना तो प्रनिवायय ही था। हम बिना किसी परिचय से भी परस्पर बातचीत करने पर विवश हो जाते । इसका मुझे दृढ़ विश्वास हैँ | डोरियन ने भौ मुझे बाद में यही बतलाया । वह भी यह सन हो सन श्रनुभव कर रहा था कि हम दोनो एक दूसरे फो जाने विना रह्‌ न्ह सक्ते थ । “शोपतो ब्रेडन ने इस श्रनोखे युवक फा परिचय क्सि प्रफार दिया ?” उसके লিল ने पुछा। “मे जानता हें कि वह संक्षिप्त रूप में फिस प्रकार अपने महमानों का परिचय देती हैँ । वह अपने महमानों से उसी प्रकार का व्यवहार करती है जिस प्रकार नीलाम करने वाला क्रपने सामान से फरता है। या तो वह अपने महमानो का बड़े विस्तार से वर्णन फरने लगेगी या फिसी फे विषय में श्रोर सब बातें तो बतला देगी, बस फेवल चही बात छिपा लेगी, जिसको जानने फे लिये सब इच्छफ रहते ह 1“ “ वेचारो भौमती सेन { हरी, तुमने उत्तके विषयमे ठीक नहीं फहा ।” हालवड्ड ने कहा । (में उसकी সহালা फंसे कर सकता हूँ ? वह लोगो फा स्वागत फरने के लिए मकान तलाश फ़रने का प्रयास कर रही थी, परन्तु वेचारी रेस्तरा खोलने में ही सफल हो सफो। हाँ, यह तो बताप्नो कि बह डोरियन प्रेक्षे थिपय में पया कहती थी ?” “शायद इतती तरह का छुछ फहा था--'सुन्दर युवक्त है, इसको सा शोर से कभी धलग नहीं हुई---पह तो से भूल ही गई कि में बया काम करता हँ--शायद फु भी नहीं करता ` हां हं *'यह प्यानों घजाता है, या शायद वायलिन फा शौक हुँ--प्रे जरा तुम ही वतलाना ` ' हुम सय बिना हुँसे रह नहीं सके श्रोर हम दोनो त्तत्क्षण मंत्री फे सृच्र में बेंच হাম 1? “मत्रो फा ध्ारम्भ हँसी से होना बुरा नहीं होता शोर समाप्ति के लिए भी प्रच्छा ही होता हैं ।” লাউ ইলযী ने एफ লী फूल तोडते हुए




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