हिन्दू सभ्यता | Hindu Sabhyata

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पिषय-प्रवेश अ सचाई झौर अविकलता है, जिसके पास सामग्री को छानने श्ौर पूछ-ताछ करने के लिए वकील-जैसी तकं-वुद्धि है, जिसके पास विचित्र विरोधी वर्णनो के भीतर से सत्य तक पहुंचने का न्यायाधीकष-जैसा पक्षपातहीन न्याययुक्त भाव है, श्र झन्त में जिसके पास वह सूक भ्रौर पैनी श्रांख है, जिससे नई प्रमाण-सामग्री का दर्शन होता है श्रौर नये-नये भ्रनघिकृत क्षेत्रों तक पहुँचा जा सकता है ।' 4 बेनीदितो क्रोचे ने झपने टग से इतिहासश की भ्रावदपफताओओं फा एस प्रफार उल्लेख फ़िया है। उसके मत से इ तिहासज्ञ यह है जिसके पास श्रपना 'बुष्टि- कोण' है, श्रौर “लिन घटनाश्रो के वर्णन का चहू बीडा उठाता है, उनके सम्बघ में स्वात्मा मे ध्रनुभूत एक पूढ़ मत या भाव है। दूंढ घटनाशओ के गडयडसाले में से किसी भी फलात्मफ इतिहास फी रचना नहीं हो सफती, यदि लेखक के पास श्रपना दृष्टिकोण नहीं है; जिसकी सहायता से वह ऐति- हासिक घटनाश्रो के खड़-पत्यरो शरीर सन्दर्भरहित सामग्री के पिंड से सुघड मूति को रचना फर सके । यदि कोई लेखक इतिहासश के सच्चे गुणों से युबत है श्रौर श्रपने कार्य के विपय में जानकार है, तो भ्राप उसकी लिखी इतिहास को कोई पुस्तक उठाफर पढ़ लें, तुरन्त हो उसके दृष्टिकोण का पता लग जाएगा । उदार श्रौर प्रतिश्रियावादी, सुद्धिपुरवक घटना की जाँच करने वाले (युद्धिवादी) » '्रयवा प्रमाणवादी ,(सनातन-घर्म की दृष्टि से शास्त्र प्रमाण के श्रनुसार रचना करने वाले) , सभी तरह फे इतिहासन हुए हैं, जिन्होंने राजनीतिक या सामाजिक इतिहास की रचना की है । 'यावन तोले पाव न ही सकते हूं। पया यह फोई कह सकता हैं फि थ्यसीडाइडीस श्ौर पोलि- बियस, लिवी श्रोर टेसीट्स; मेकियावली श्रीर युइ चयारदिनी, जियानन श्रौर , वाह्तेर--इनके पास फोई श्रपना नतिक श्रौर राजनीतिक दृष्टिकोण न था ? हमारे श्रपने समय मे भी गीजो श्रीर थियर, सकाले श्रौर बल्यो, रेड, के श्रीर * त्सन--क्या ये बिना दृष्टिकोण के थे ? यदि कोई इतिहास लेखक किसी 'सक्ष का समर्थक बन जाने की श्रनिवार्य श्रावइयकता से बचना चाहे, तो वह * राजनीतिक श्रौर वैज्ञानिक--दोनो क्षेत्रो मे पुसत्वह्दीन बृहन्नला + 7 श्रौर इतिहास-लेखक जेसा गुदतर कार्य बुहन्नलाश्रो फे यदा नही हैं। उन इतिहास-लेखको का मत विदवास कौजिए जो यह र॑ कि चे केवल घटनाश्रो की ही पूछ-गछ फरके उन्हें यथार्थ रूप में (ते हैं श्रौर श्रपनी श्रोर से फुछ जोड़ने के लिए उनके पास कुछ « ऐसा मानना या तो शोदूष्त है या दुद्धि का ज्रम । श्रगर वे




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