मध्यदेशीय भाषा ग्वालियरी | Madyadeshiya Bhasha Gawaliyari
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
240
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विपय-सूची
समपण (२)
दो शब्द--डॉ० बासुदेवशरण (५)
प्रस्तायना--श्री राहुल साकृत्यायन (१२)
निवेदन (प्रथम संस्करण) (१३)
कतज्ञता ज्ञापन (प्रथम पुनमु द्रण) (1৩)
विपय-सूची (१६)
प्रारम्भिक १-१०
अ्रपश्नशों का प्रादुरभावि प्राचीन हन्दी--रूपमेद-
ग्वालियरी भाषा--पाडे जी का मत--शहूल जी का मंतद--
ग्यालियरी और ब्रजमापा- ब्रजमापा झौर बुन्देलखण्डी आदि
नामों से उत्पन्न 'अत्रर--मध्यदेश की भापा के विकास के
अब्ययत की झावश्यकता 1
मध्यकालीन मध्यदेश ११-१६
मच्यदेश विषयक श्रान्त धारगाएँ--मध्यकाल वा
मध्यदेश--राजशेख र---सोमदव शौर मेस्तुड्ू--क ल्याण सिंह का
श्रनगरग तथा ग्न्य ग्रन्थ--केशवदास--फ्कीरल्ला सैफसा का
मध्यदेश--सुदेश-- नावभटु-- बना रसी दास जैन--बुन्देलो को
क्षेत्र--म्रध्यदेश का विघटन--भाषा के विवेचद पर प्रभाव |
मध्यदेश ओर ग्वालियर २०-२६
भापा का केन्द्र--फ्कीरहला का सूत्र--त्रीसलदेव रासो-
जागनायक--तो मर भौर हिन्दी-वनही--ग्वालियरी माप्रा 1
हिन्दी की प्राचीन परम्परा ৮৩-হল
গরথসহা धौर देशी भाषा--अवहृदु--भाषा--मध्य-
दरशीय अपकश्षज्ष--मरध्यदेश की भापा--बनारत्तीदास जेन--
नावभट्ठ--शोरसे की भाषा--वालियरी भाषा--वालियरी
का ग्रध+हितोपदेश--दक्षिए में ग्वालियरी-नामायजीकी
जन्मभूमि खालियर थी--जयकीधि---ब्रजमापा !
४ १६...
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