हिंदी शब्दअर्थ पारिजात | Hindi Shabdarth Parijat

Hindi Shabdarth Parijat by चतुर्वेदी द्वारका प्रसाद शर्मा - Chaturvedi Dwaraka Prasad Sharma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about चतुर्वेदी द्वारका प्रसाद शर्मा - Chaturvedi Dwaraka Prasad Sharma

Add Infomation AboutChaturvedi Dwaraka Prasad Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पु तदु० (सो) ढाई सेर की रोल, माप, यटखरा 1 * घ्णाद दे० (पुर) श्रासत्द.1 घ्णि तत्‌० (स्त्री०) अक्ाथ कीलक, पहिसे के का काटा, सीखीघार, नोंक, बाढ़, घार, सीमा ! तह (पुन) या तदू० स्रीर) (हिन्दी में ख्री०) श्राठ लिशियों में की एक सिद्धि. अत्यन्त छोटा चन जाने की शक्ति ! ध्ाणीय (वि०) श्रतिसूक्ष्म, बारीक 1 घाणण तय (प्र०) कणिका, श्रत्यन्त सूक्ष्म, धान्य विशेष, सूक्ष्म वस्तु, सप से छोटा हिस्सा । छुप्पर के छेद से घर में हुए सूय के प्रकाश में उड़ते हुए जो छोटे कश दीख पढ़ते हैं उनमें से एक कण के साठचें भाग को अरु या परमाणु फहते हैं 1 यह नैयायिकों का प्रधान तत्व है। नेंयायिक इसी हे हारा सांसरिक पदार्थों की उत्पत्ति सानते हैं । यह है | मिलने थौर दिखुड़ने की शक्ति इसमें बतमा न है 1-- मात्र (गु०) छोटासा ! --चाद (पु०) सिद्धान्त विशेष सशुवाद में जीव चर श्राह्मा '्रणु माना ऐ । यह श्रीवल्लभाचाये का सिद्धान्त है ।--वादी (५०) अशुवाद को मानने वाना ।--वीज्तगु (पु०) छोटे छाटे को देखने के लिये कॉच का वना हुआ एक प्रकार का यन्त्र, दूरवीन 1 घाशुठा लदु० (पु०) गोंद, एक प्रकार का खेल । -शुड़णुड़ (वि०) वेलाग चित्त पढ़ा घर (पु०) गोली खेठने का कमरा ।--चित्त तढू० (पुल उ्ान पढ़ा हुआ, बेठाग शिरा छुआ | -बन्धु (प०) जुआ खेलने की कौडी ।. [थिदरी । छाशियया स्त्री) घास का पूरा या. पूला; छोटी ध्यरादी (स्त्री-) घोती का बह साग जो कमर पर मोड़ कर बाँघा जाता है. अंगुलियों के श्रीच का मांग । घरठलाना तदू०. (क्रि०) बॉकिती करना, ऐंठना, बॉकापन दिखाना, '्रसिसान करना, शगों को स्वयं सरोड़ना | तन (पुर) बीच, पेशीकोप, अण्डकॉप, कस्तूरी (पुल) पक्षी आदि के उत्पन्न होने का स्थान, गोलाकार 1--फदाह चत्‌ ० श्दे रे (पु०) जंगल, विश्व, संसार, गोल ।--काप ततत्‌० (पुन) सुश्क, थैली, तल्‌० (जु०) थण्डे से पैदा होने वाले जन्दु, यथा. पक्ीनसाप-मछुल्ली- रोह-गिरगिट विसखपरा । झ्णडवरणड (स्त्री ०) मलार, ये सिर पैर की वात, बक्कबक 1 ध्णाडस (सत्र ०) भ्रसुचिघा, कठिनाई, संकट 1 तत्‌* (स्त्रीन) थासाम का बना हुझा रेशसी वस्त्र चिशेष, ज्यादेतर वह ऑड्िने के काम में ध्याता हैं । ्रासाम की बहुत अच्छी होती है । तदु० (पु) दिना बधिया किया जानचर - बैल (५०) सा, धाजसी मनुष्य । धारडेल चढू० (बिन) धण्डाबाली । घ्यतः तव० इससे, इस कारण, इस देंतु, इसकिये । झ्रतफच तत्० (श्०). इसी कारण, इसी हल, इसीलिये । (वि) असत्य, झूठ 1 झतदूशुण (पु० ) चलंकार विशेष, ब्यतनु तद्‌० (पु०) या ध्यत्तत तदु० ( पुल ) देह रहित, बिना शरीर का कामदेंब [कामदेव का शरीर महादेव के क्रोध से भस्म हो गया था, इन्द ने इसे महादेव पर विजय पाने की श्राशा से भेजा था, परन्तु श्रभाग्यवश वह महादेव के क्रोधापधि से दुग्ध हो राया । पुनः पार्वली की श्ार्थना से महादेव से इसको उज्जी चेत किया । श्रतपुव कामदेव का नास झतनु है पु घ्तन्धित वत्‌० (पुर) आलस्य रहित, करें, चपल, चालाक, जात 1 [रखने का पात्र । तर दे० इप्पसार, इत्र (पुर) श्रतर (पु०) बढ क्रिया जिससे लंगर जमीम से उखाड़ कर रखा जाता है 1 झतरसों (पु०) चीते श्री' थाने वाले परसों का पूथें दिन, वर्तमान दिन से यीता हुझा या आने चाल तीसरा दिन । ब्यतकित तत्‌० (वि०) दिना चिचादा, ्राक्स्मिक । तत्‌० (दि०) अचित्त्य । झमिरवेश्वीय 1 ब्यतव्त तत्‌* ( ) विनय तक का; बिया पेंदे का; बचु छ; गोल, सात पालाकों में पदिछा पाताल 1




User Reviews

  • rakesh jain

    at 2020-12-04 13:36:37
    Rated : 8 out of 10 stars.
    THE CATEGORY OF THIS BOOK MAY BE REFERENCE BOOKS, EDUCATIONAL/OTHERS, LANGUAGE/HINDI. ONE MORE CATEGORY HEAD SHOULD BE OPENED IN NAME OF DICTIONARIES. UNDER THIS HEAD SUB HEADS SHOULD BE OPENED LIKE - HINDI, SANSKRIT, MARATHI, GUJRATHI AND OTHERS. THIS BOOK MAY ALSO BE PLACED UNDER DICTIONARIES/HINDI.
Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now