महाबंधो भाग 7 | Mahabandho

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Mahabandho by महाधवल सिद्धान्तशास्त्र - Mahadhavala Siddhant Shastra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषयानुक्रमणिका विषय पृष्ट विषय দন্ত क्षेत्रप्ररूषणा ठ १.६ स्वामिल्वानुगम १०८-१०६. ज्षेत्रपररूपणाके दो भेद १ कालानुगम ११०-१११ उत्कृष्ट ज्षेत्रप्रूपणा १-४ अन्तरानुगमं ११२-१४६ অনয क्षेत्रपरूणा ५९ भागामागानुगम १५० क । ५५८ परिमाणानुगम १५०-१५२ स्प्शनप्ररूपणाके दो भेद ७ ज्षेत्रान॒ुगम १४३ उत्कृष्ट सशनप्रूपणा ७-४५ सशंनानुगम १५३-१८० जघन्य स्पशनप्रुपणा ४४-४८. कालानुगम र कालप्ररूपणा | ५६-३३ अन्तरानुगम १८८-१६१ कालप्ररुपणाके दो भेद ५६ भावानुगम १६१ उत्कृष्ट कालप्ररूपणा ४६-६१ अल्पवह वानुगम १६१-१६७ जवस्य कालप्ररूपणा ६२६२३ दनिक्षेप १६७-२२६ स्ना, ९६६४ तोन अनुयागद्वारोंका निर्देश १६७ अन्तरप्ररूपणाके दौ मेद ६३ এ उत्कृष्ट अन्तरप्ररूपणा ६९.६४ অন্তরক্ারনা कम जघन्य अन्तरप्रर्पणा ६४ सुीतंनक दो भेद न भावप्ररूपणा ६५ ভক্ত समुत्कीतना নিবি भावप्ररूपणाके दो भेद ६५ जघन्य सपुत्कीतना को उत्कृष्ट भावप्रूपणा ६५ स्वामिष्व च जघन्य भावप्ररूपणा ६५ स्वामित्वके दो भेद हों अल्पवहुस्वप्ररूपणा ६५.१०५ তিক্ত स्वामित्व নি अल्पब्रहुत्वप्ररूपणाके তা भेद ६५. जषन्य स्वामित् 2 स्वस्थान अल्पचहुत्वके दो भेद + व ৮ उत्कृष्ट स्वस्थान अल्पचहुत्व ६४-७४. अल्पबहुत्वके दो भेद ५५५ जघन्य स्वस्थान अल्पन्रहुत ७५-८१ उत्कृष्ट अल्पब्रहूत्व २२५-२२६ परस्थान अल्पत्रहुलके दो भेद 88 हित उत्कृष्ट परस्थान अल्पत्रहुत्व ८१-६३ अजघनय बृद्धि भादिके विषयमे सूचना ० जघन्य परस्थान अल्पत्रहुत ६४-१०५ बृद्धिबन्ध न्‌ भुजगारवन्ध १०५-१९७ तेरद अनुयोगदवरोंकी सूचना २२७ पे १०५ समुत्कीतना २२७-२२६ तेरद अनुयोगद्वारोंका निर्देश १०४. स्वामित्व সত काल २३५-२३६ समुत्कीर्तनानुगम १०६-१०७ ¶ अन्तरकालङे शन्तका भंश, भंगविचय पूरा भोर भागामागङो भन्तकी एक पंक्तिको छोड कर पूरा भागाभाग ब्रुटित है ।




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