जयोदय महाकाव्य | Jayoday Mahakavya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
28 MB
कुल पष्ठ :
667
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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ट्रस्ट के समस्त सदस्य एवं कोषाध्यक्ष माननीय श्री चन्द्र सगल एटा, तथा संयुक्त मंत्री ला सुरेशचद्र
जैन सरसावा का सहयोग उल्लेखनीय है । एतदर्थ वे धन्यवादाई हैं ।
संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागरजी के परम शिष्य पूज्य मुनि 108 सुधासागर जी महाराज
दिगम्बर जैन अतिशय
क्षेत्र मंदिर संघीजी सागांनेर में आचार्य विद्यासागरजी के गुरु आचार्य प्रवर ज्ञानसागरजी महाराज
के व्यक्तित्व एवं कृत्तितव परअखिल भारतीय विद्ठत संगोष्ठी का आयोजन किया गया था।
इस संगोष्ठी में निश्वय किया था कि आचार्य ज्ञानसागरजी महाराज के समस्त ग्रन्थों का
प्रकाशन किसी प्रसिद्ध संस्था से किया जाय । तदनुसार समस्त विदानो कौ सम्मति से यह
कार्य बीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट ने सहर्ष स्वीकार कर सर्वप्रथम बीरोदयकाव्य के प्रकाशन की
योजना बनाई और निश्चय किया कि इस काव्य पर आयोजित होने वाली गोष्ठी के पूर्व
इसे प्रकाशित कर दिया जाय । परम हर्ष ै कि पुज्य मूनि 108 सुधासागर महाराज का
संसघ चातुर्मास अजमेर में होना निश्चय हुआ और महाराज जी के प्रवचनों से प्रभावित
होकर श्रो दिगम्बर जैन समिति एवम् सकल दिगम्बर जैन समाज अजमेर ने पूज्य आचार्य
ज्ञान सागर जी महाराज के वीरोदय काव्य सहित समस्त ग्रन्थों के प्रकाशन एवं संगोष्ठी
का दायित्व स्वय ले लिया और ट्रस्ट को आर्थिक निर्भार् कर दिया । एतदर्थं टृस्ट अजमेर
समाज का इस जिनवाणी के प्रकाशन एवं ज्ञान के प्रचार प्रसार के लिये आभारी है ।
प्रस्तुत कृति जयोदय महाकाव्य (उत्तरांश) के प्रकाशन में जिन महानुभाव ने आर्थिक
सहयोग किया तथा मुद्रण में निओ ब्लॉक एण्ड प्रिन्ट्स, अजमेर ने उत्साह पूर्वक कार्य किया
है। वे सभी धन्यवाद के पात्र हैं ।
अन्त में उस संस्था के भी आभारी है जिस सस्था ने पूर्व में यह ग्रन्थ प्रकाशित किया
धा । अब यह ग्रन्थ अनुपलब्ध है । अत. टस्ट इसको प्रकाशित कर गौरवान्वित है । जैन
जयतुं शासनम् ।
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दिनाङ्क ` 9-9-1994
(पर्वाधिराज पर्युषण पर्व) डॉ. शीतल अन्द जैन
मानद मंत्री
वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट
1314 अजायव घर का रास्ता
किशनपोल बाजार, जयपुर
५ 4५५५ ४9४५449५ ४४४
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