श्री जैन स्वध्यायमाला | Shri Jain Swadhyayamala
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
407
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जैन स्वाध्यायमाला भ्
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सुद्धेण पडिरगाहगसुद्धेण तिविहेण तिकरणसुद्धेण सुत्त अणगारे
पडिलाधिए समाणे ससारे परित्तीकए । मणुस्साउएु णिवद्धे ।
निहंसि य से इमाई् पच दिन्वाइ् पाउभूयाद्। त जहा-१ वसुहांरा
वृदा २ दसद्धवण्णे कुसुमे णिवाइए ३ चेलृक्खेवे कए ४ आहयाओो
देवदृदुहिश्रो ५ श्रतरावियंण भ्रागाससि ब्रह दण ब्रह दाण
घुटय। तएुण हत्थिणाउरे णयरे सिघाडग जाव पहेमु बहुजणो
अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ ४ धण्णे ण देवाणुपििया सुमृहे गाहा-
वई जाव त धण्णे ण देव्राणुप्पिया सुरहे गाहावई।
तए ण से सुमुहे गाहावई बहुइ वासाइ श्राउय पालेइ पालित्ता
कालमासे काल किच्चा इहेव हत्यिसीसे णयरे श्रदी णसत्तस्स रण्णो
धारिणीए देवीए कुच्छिसि पुत्तत्ताए उबवण्णे । तएण सा धारिणी
देवी सर्याणज्जसि सुत्तजागरा उहीरमाणी उही रमाणीं तहेव सी
पासइ । सेसं त चेव जाव उप्यि पासाएं विहरइ | त एवं खलु
गोयमा ! सुवाहुणा कुमारेणं इमे एयारूवा माणुस्सरिद्धि लद्धा
पत्ता अभिसमण्णागया । पभू ण भते | सुबाहुकुमारे देवाणुप्पियाण
श्रतिए मृडे भवित्ता अ्रगाराञ्नों श्रणगारिय पव्वइत्तए ? हता
पभू । तएण से भगवं गोयमरे समण भगव महावीर वदइ णमसइ
वंदित्ता णमसित्ता सजमेण तवसा प्रपाण भावेमाणे विहूरइ् ।
तएणसे समरणे भगव महावीरे अण्णया कयाइ हत्थि
सीसाओ णयराओ्रो पुप्फकरंडयाओश्रो उज्जाणाओ कयवणमालप्पि-
यस्स जक्खस्स जक्खाययणाञ्रों पडिणिक्खमइ,पृडिणिंवख मित्ता
बहिया जणवयविहार विहरइ | तए ण से सुबाहुकु मारे समणोवासए
जाए अभिगयजीवाजीवे जाव पडिलामेमाणे विहरइ । तए ण
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