पंचसंग्रह योगपयोग | Panch Sagrah Yogapyog

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Panch Sagrah Yogapyog by देवकुमार जैन - Devkumar Jainमिश्रीमल जी महाराज - Mishrimal Ji Maharaj

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देवकुमार जैन - Devkumar Jain

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मिश्रीमल जी महाराज - Mishrimal Ji Maharaj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( २६ ) गुणस्थानो का कालप्रमाण १५१ गुणस्थानो मे योग १५२ गाया १६, २० १५७-१६२ गुणस्थानो मे उपयोग १५७ गाया २१ १६२-१६४ मागंणस्थानो के नाम व भेद १६२ गाथा २२ १६४- १९६ मार्गणास्थानो मे जीवस्थान १६४ गाथा २३ १६७१७५० काय और योग मा्गंणा के भेदो मे जीवेस्थान १६७ गाया २४ १७०-१७१ पाच मार्गणाओ के भेदो मे जीवस्थान १७० गाथा २५ १७१-१७७ मागंणा के भेदो मे जीवस्थान १७५ गाधा २६ १७८१५७६ ज्ञानादि मार्गणो मे जीवस्थान १७८ गाथा २७ १८०१०८५ ज्ञान ओर ददन मार्गंणा के अवन्तर भेदो मे जीवस्थान १८० गाया २८ १८५-९१८७ मागंणास्थानो मे गुणस्थान १८४ गाथा २६ १८८ काय आदि मार्गणाओ मे गुणस्थान श्ण८ प कत १८९-.१९० वेद, कपाय, लेष्या मारगंणायो मे गुणस्थान १८९ পিক




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