नटी की पूजा | Nati Ki Pooja
श्रेणी : साहित्य / Literature
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
91
श्रेणी :
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पं. श्री भगवती - Pt. Shri Bhagwati
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रवीन्द्रनाथ टैगोर - Ravindranath Tagore
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दो। तव फिर से एक बार अशोक-चेत्य में दीप
जाग; एक सौ श्रमणो को अन्न दूगी, उनके जितने
मंत्र हैं सवका एक सिरे से जप कर जाऊंगी। और
यदि वह न हो तो জান देवदत्त, फिर चाहे वे सच्चे ही
हां अथवा कूठे ! जाऊं, एक वार प्रासाद शिखर पर
जाकर देखं, वे कितनी दूर हें !
दोनों का प्रस्थान
वोणा हाथ में लिए हुए श्रोमतो का प्रवेश
रुतावितान तरे आसन विद्धातो ह दिगन्त पर
दृष्टि डालती है
श्रोमतो । समय हो गया, तुम लोग आओ ।
( अपने सन हो मन गाती है )
निशोथ को कये गेल मने,
की जानि को जानि ।
से कि घुर्मे से कि जागरणे,
को जानि को जानि ।
मालती का प्रवश
मालती । तुम श्रीमती हो ?
श्रीमतो । हाँ री, क्यों, बोल तो |
मार्तो । तुमसे गान सीखने के लिये प्रतीहारी ने
मुझे तुम्हारे पास भेजा है।
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