अमरीकी चित्रकला का संक्षिप्त इतिहास | Amriki Choitrakala Ka Sankshipt Itihas

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Amriki Choitrakala Ka Sankshipt Itihas  by रमेश वर्मा - Ramesh Verma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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4 ग्रमरीकी चित्रकला का संक्षिप्त इतिहास व्यक्ति-चित्रण (?0717811076 ) ठहर न सका । अमरीकी व्यापारियों ने इंगलेंड की यात्राएँ करके भ्राधुनिक लॉरड्डों के चित्रण का सही ढंग जान लिया । उसके बाद से, जब कभी स्वयंशिक्षित उपनिवेशीय चित्रकार व्यक्ति-चित्रण करते तो उनके खरीदार भव्यतम चित्रों की माँग पेश करते । ग्रनेक चित्रकार, जिन्होंने संगमर- मर का जंगला कभी देखा तक न था, नये धनी' व्यापारियों के चित्रो मे कल्पित जंगला तक बना देते थे। परिणाम हमेशा सुखद नहीं होता था । फिर भी, ग्रपेक्षाकृत अधिक प्रतिभाशाली चित्रकार सामाजिक मिथ्याभिमान को स्वप्न का रूप देने में सफल हो जाते थे । प्रठारहवीं शताब्दी के तीसरे दशक मं न्युथाकं के एक चित्रकार को, जिसका नाम प्राज भुलाया जा चुका है, कहींसे एक नक्काशी (11841118) मिल गई । वह्‌ चित्र लन्दन के सवपते अ्रधिक फंशनपसंद व्यक्तित-चित्रकार (?01- 11211181} सर गाडफ नेलर का बनाया हृभ्रा था, ग्रौर उसमे शक्ति्ञालौ संकविल वंश के दो बच्चों को एक मंदान भे एक हिरन को थपथपाते दिखाया गया था । नयुयाकं के चित्रकार ने स्थानीय किशोरों को चित्रो में ग्रनेक बार हिरन थपथपाति हुए अंकित किया, किन्तु उसके चित्र प्रंधानुकृति-मात्रनयथे। दे पौह्तर वंश का बालक (126 2८१४516 280४), चित्रफलक 2, इसका प्रमाण है। इन चित्रों का श्रपना निजी सौन्दयहै। नेलरने श्रपने चित्र में दो बच्चे दिखाये थे, इस चित्र में केवल एक है। इस प्रकार ग्रमरीकी चित्रकार ने ग्राकृतियों के उलभाव को सरल करके चमकीले रंगों के विस्तीणं, सपाट पूंजों में बदल दिया है। फलत: सम्पूर्ण प्रभाव कृत्रिमता का नहीं वरन भोलेपन भ्रौर प्रसन्‍नता का पड़ता है। सेकविल वंदा के बच्चे जहाँ सांसारिक अ्भिनात-वर्गीय मालूम पड़ते हैं, वहाँ दे पीस्तर वंश का बालक जंगल का वासी है--उसकी थपकियाँ खानेवाले हिरन का भाति जंगली । | किन्तु, फिर भी, चित्र में कुछ कृत्रिमता शेष है। दे पीस्तर वंश का बालक में ऐन पॉलर्ड (811 ?01॥10), चित्रफलक 4, से कम व्यंजकता और मौलिकता है। ऐन पॉलड का अ्रंकन भी लगभग उसी काल में हुआ था, किन्तु फंशन की भ्रोर भुकाव उसमें तनिक भी नहीं है। उस बूढ़ी मूंहफट सराय-मालकिन के 130 वंशज




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