स्वातन्त्र्योत्तर राजस्थानी गद्य - साहित्य | Swatantryottar Rajasthani Gadya-sahity

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Swatantryottar Rajasthani Gadya-sahity  by रामस्वरूप - Ramsvrup

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रामस्वरूप - Ramsvrup

Add Infomation AboutRamsvrup

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
5 | (२) विकासशील राजस्थानी (विक्रम की तेरहवी शती से सोलहवी शनी तकः) (३) पूर्णं विकसित राजस्थानी ( विक्रम की १६वीं शत्ती से १९वी णती तक (४) श्राधुनिक राजस्थानी (विक्रम की श्वी शती से निरन्तर) राजस्थानी साहित्य-एक सिहावलोक्तन :-- राजस्थानी साहित्य जीवन में सर्देव आस्था रखते हुऐ श्रेय के लिए सतत्त सघपं करने वाले वीर-बीराज्भनाओं और जीवन को रस-मसिक्त बनाने वाले पीयूप- वर्पौ सन्तो का साहित्य है। राजस्थानी साहित्य वीरता, भक्ति, प्रेम, स्वाधीनता, की सुरक्षा के साथ ही देश के नव-विर्माण और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए राजस्यानी भापा-माहित्य का महान्‌ सहयोग रहा है। राजस्थानी साहित्य का अतीत गौरवमय रहा है, वर्तमान आ्राशाप्रद और भविष्य उज्ज्वल है। श्राधुनिक राजस्थानी साहित्य मे मनोरजन तत्त्व के साथ साथ झादर्श और यथार्थ का समन्वय सराहनीय है। (क) राजस्थानी साहित्य से तात्पयं :- राजस्थानी साहित्य का ग्रं ইল अनेक रूपो मे लेते है --- (१) राजस्थानी भाषा मे रचित साहित्य । (२) राजस्थान भ्रान्त मे रचित साहित्य चाहे वह किसी भी भाषा वा हो । (३) राजस्थानवासियो द्वारा *चित साहित्य चाहे वह विसी भी भापा क हो (४) राजस्थान से सम्बन्धित साहित्य चाहे वह कसी भी भाषा में हो । परन्तु अर्वाचीन युग भे राजस्थानी साहित्य मृडयत वही माना गया £ जो राजस्थानी भाषा में रचित है। (ख) राजस्थानी साहित्य का काल-विभाजन :-- निम्ताक्रित विद्वानों ने राजम्थानी साहित्य का काल-विभाजन टम प्रकार से किया है .-- (१) डा एल पी टैसीटोरी--- (ख) प्राचीन डिगल काल (१०५० ई से १६५० ई तक) (व) अर्वाचीन गल काल (१६५१४ से निरन्तर) (२) डा मोतीलाल मेनारिया--- (श्र) प्रारम्भ काल (स १०४५ से १८६० तकः) (व) पूरवे मध्यकाले (स १४६१ से १७०७ तर) (म) उत्तर मध्यकाल (न १२८१ ने ११५८८ नर) (द) आधुनिक वाद्य (स १९०१ ने निरन्तर) (३) नयेत्तमदास न्नामो-- > (व) प्राचीनयाल (स ११४० से १४५७ নক)




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now