विज्ञान | Vigyan

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Vigyan by प्रेमचन्द्र श्रीवास्तव - Premchandra Srivastav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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यह अनन्त ब्रह्माण्ड बना हैं, मिलेकर सारे तत्वों से। तत्वों से ही जीव बना, जड़-जन्तु बने हैं तत्वों से। फिर एक प्रश्न उठता मन में, ये तत्व हुए पैदा कंसे? अब तक के सारे ज्ञात तत्व, क्या पहिले से ही थे ऐसे ? इस गुत्थी को सुलझाने को, वैज्ञानिक करते हैं प्रयास । मतभेद अभी भी है उनमें, पर मने जति दो विकास । पहिले सिद्धान्त के मतानुसार सब तत्ववने कुछ ही पलमें। फिलहाल दूसरा मत कहता, ये तत्व बने हैं वर्षों में। पहिला वैज्ञानिक मत कहता ब्रह्माण्ड बड़ा-सा गोला था। चहं ओर भरा -्यूट्रॉनों से, इक अंडा था या गोला था। सब आपस में थे कसे हुए, इनमें थी कोई जगह नहीं । इसके जसा घनत्व वाला, ब्रह्माण्ड में कोई गौर नहीं, उपाचायें, भौतिकी विभाग, गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर-336932 (3७ प्र०)




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