विज्ञान | Vigyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
78 MB
कुल पष्ठ :
198
श्रेणी :
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No Information available about प्रेमचन्द्र श्रीवास्तव - Premchandra Srivastav
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)यह अनन्त ब्रह्माण्ड बना हैं,
मिलेकर सारे तत्वों से।
तत्वों से ही जीव बना,
जड़-जन्तु बने हैं तत्वों से।
फिर एक प्रश्न उठता मन में,
ये तत्व हुए पैदा कंसे?
अब तक के सारे ज्ञात तत्व,
क्या पहिले से ही थे ऐसे ?
इस गुत्थी को सुलझाने को,
वैज्ञानिक करते हैं प्रयास ।
मतभेद अभी भी है उनमें,
पर मने जति दो विकास ।
पहिले सिद्धान्त के मतानुसार
सब तत्ववने कुछ ही पलमें।
फिलहाल दूसरा मत कहता,
ये तत्व बने हैं वर्षों में।
पहिला वैज्ञानिक मत कहता
ब्रह्माण्ड बड़ा-सा गोला था।
चहं ओर भरा -्यूट्रॉनों से,
इक अंडा था या गोला था।
सब आपस में थे कसे हुए,
इनमें थी कोई जगह नहीं ।
इसके जसा घनत्व वाला,
ब्रह्माण्ड में कोई गौर नहीं,
उपाचायें, भौतिकी विभाग, गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर-336932 (3७ प्र०)
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