बाल रामायण | Bal Ramayan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
230
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)याला । |
प्र राम ने प्रपते অন্ত फा चिक्ला जीय फर सष
शोर से ठंकार दौ । चिल्ले से टू फरफे एक घड़ी भारी
आयाक्ष निकली । उस टंकार को सुन कर जगल फे सष
আাননহ শ্রীঙ্গ ঘড়ী।
टंकार को खुग फर ठाडइ़का भी पहले ते चौंफ पड़ी ।
मगर अप पास दी आदमियों फे देह की छुग घ पाई-सध
षष्ट सट निकष आई। राम-सतदमया को वेखसे दी धेने
दाथ फैला कर, मुँह फाड़ फर, चप् उमफो खाने फे लिए
दौड्डी । सथ राम ने ऐसे याण मारे कि वाढ़का के
वेषे फान জাত गये । स्र्दमण फे तीर से उसकी नाफ फट
गई। तय से! यह स मालुम कहाँ साग फर छिप गई और
छिप कर ही देने साश्यों पर घड़े पड़े पत्थर फेक फोफ
कर मारमे खगी | पर घहद कर्हासि मारती थी यह न देख
पशा। तयते जिधर से साङ्का फी भाषास पाते, सम
शषम्रण उधर ही तीर चखक्ञाते । यह सीर, षद तीर, तीरे
पर तोर, मारे तीरो फे पाने मायो ने राड़का का नाक में
वम फर दिया । ताडका ने कमी पतने सीर न লাম খা!
श्न हीरो की यैर फे छ्ामने मला यष्ट धिप फर कय
सश रष सकफतो थी । सीसे से घायल दाकर यष घबरा
उठी | अब फिर सामने म श्राती ता फया करती १ खसका
फिर सामने झाना था कि रास में एक तीर से सका
काम समाम कर दिया 1 षष्ट धड़ाम से घरती पर गिर कर
मर सई।
ইরানী राज़कुमारों की यहादुरी देखकर घिश्ामित्रजी
৮
हक
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