जहांगीरनामा | Jahangirnama
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
332
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मुंशी देवीप्रसाद - Munshi Deviprasad
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२ जहांगोरनासा |
लिखा या खिखाया हुआ नहीं था। पोशो अधुरो थो शाइजहांके समयमें
सिर्जा हादो(१) ने पिछला हाल संक्षिप्त रोतिसे लिखकर पूरो को ।
इस पोथोको भूमिका भो उसो मिर्जा हादोकी लिखोहुई है। उसमें
जहांगोरके बादशाह होनेसे पहलेका हाल है।
अपना रोजनामचा आप लिखनेको चाल जहांगोरके घरानेमें
« पोढ़ो पहलेसे चलो थो । अमोर तैमूर साहिबक्षिरां जहांगोर
का आठवीं पीढ़ीमें दादा था । उसने अपनी दिनचर्य्या जन्मकालसे
मरण पत्यन्त लिखकर अपने सिरहाने छोड़ो थो । वह तुकींभाषा
में है। उप्तका अनुवाद फारसो और उदम भो होगया ईह! उसका
नाम तुजुकतेमूरो है।
टूसरो दिनचण्था बाबर बादशाहको है जो तुझुकबावरो और
वाकआत बाबदरोके नामस प्रसिद्द है। बाबर जहांगोरका परदादा
था। उसका तुज्ञुक भो तुर्कीभाषामें है। उसके फारसोमें दो अनु-
वाद हुए हैं एक ईरानमें मौलाना जेनुह्दोन खवाफोने किया और
दूसरा हिन्दुस्थानमें मिर्जा अबदुरेहोम खानखानांने किया।
तौसरौ दिनचथ्ा यह जष्ांगोर बादशादकौ है । इसका ठड़ः
तुझुक बाबशेसे बहुत मिलता जुलता है। इंतिहासके सिवा विद्या
विज्ञान खगोल भूगोल काव्य कला राजनोति और लौकिक रोति |
2২১৪ ।
आदि दूसरो दूसरो 'उपयोगो बातें जैसो बाबरके तुझुकनें हैं
वैसो हो वरच्च उससे भो बढ़कर जंहांगोरके तुझुकमें हैं। कारण
यह कि हिन्दुओंकी घर्मनोति चालढाल आचार व्यवहार तथा
भारतको रोति भांति और प्रकतिसे, अपने परदादाकों अपेक्षा
जहांगोर अधिक जानकार होगया था। इसोसे उसने इन सब
बातोंका वर्णन यथा प्रसङ्क बाबरसे अच्छा किया है।
(१) पिला दाल जो भिरजाहादोने लिखकर लगाया है “इका
बाल नामये जहांगोरो” से लिया हुआ जान पड़ता है। इकबाल-
नासा भी मोतमिदखां बख्शोने शाहजहांके समयमें पूरा किया था।
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