गल्प-संसार-माला (भाग - 4) | Galp - Sansaar - Mala (Bhag - 4)

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Galp - Sansaar - Mala (Bhag - 4) by चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य - Chakravarti Rajgopalacharyaजगन्नाथ अय्यर - Jagannath Ayyar

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य - Chakravarti Rajgopalacharya

No Information available about चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य - Chakravarti Rajgopalacharya

Add Infomation AboutChakravarti Rajgopalacharya

जगन्नाथ अय्यर - Jagannath Ayyar

No Information available about जगन्नाथ अय्यर - Jagannath Ayyar

Add Infomation AboutJagannath Ayyar

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
४ चक्रवर्ती राजगोपालाचाय [ १५ के मालिकों के पास नौकरी के लिए भटकता फिरा | जब कही नौकरी नहों मिली, तो वह अपनी मा से विदाई लेकर बगलोर चला गया। किसी मिल मे नोकरी पाने की उम्मीद से कई मुदलि लोग भी उसके साथ हो लिये। बैयापुरि का पत्र आया कि कई दिन की कोशिश से मिल मे नौकरी জবা বাই ই । वैयापुरि कुछ लिखना-पढना जानता था। बचपन में उसके पिता ने उसे मुहल्ले के म्यूनिसिपल स्कूल में शामिल कराया था। उन दिनो जुलाहो का जीवन इतना कष्टमय नहीं था । पड़ोसी मारियष्पा मुदलि के लड़के ने वेयापुरि के पत्र को पढ सुनाया--गली-गली छानने पर, कितनो की सृष्टी गरम कर, एक मिल मे नौकरी मिली है। रोज आठ आने मजदूरी मिलती है। महीने मे छुब्बीस दिन काम करने पड़ते हैं, इसलिए तेरह रुपए मिलेगे। इस महीने की तनझुवाह खाने-पीने मे और कर्ज चुकाने मे लग जायगी। अगले महीने से तुम लोगो को महीने दो रुपए भेज सकूं गा । आगे ईश्वर है |? बुढिया और ठेवसेना के आनन्द की सीमा न रही । ৮ > ৮ दस दिन बाद, एक और खत मिला--माता को खाशग नमस्कार । यहाँ ईश्वर की कृपा से सब कुशल है। आशा है, देवसेना और तुम कुशल-पूर्वक होगी | यहाँ मिल का काम मुझे अच्छा नही लगता | उन दिनों की याद करके, जब मैं अपने करमे पर बैठा काम कर रहा था, मे आँसू पीकर रह जाता हूँ । यहाँ मैं पागल-सा हो रहा हूँ । सिर मे चक्कर आता है। में अपने दुःखों ओर कमटो का वर्णन नदी कर सकता । न-जाने क्यो मै गोव छोडकर इधर चला आया ! पडोस के घरवाले लड़के के द्वारा, अगर द्वो सके तो, [चिट्ठी ,लिखना। मेरा पता है--सेलम वेयापुरि सुढलि, मल्लेश्वरम कुली लाइन । (३) | देवसेना जिन दौ घरों मे काम-काज करती थी, उनमें से एक, एक




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now