श्री जैन सिद्धान्त प्रश्नोत्तर माला तृतीय भाग | Shri Jain Siddhant Prashnottar Mala Bhag 3
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
150
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१५
गुणस्थान चीया
2 7)
११ ११
पांचवॉ
र्ब
सातवां
आर्यो
नच्च
दसर्वों
ग्यारहवाँ
वारदवाों
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चीदद्बों
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चारित्रमें सम्यक्॒ शब्द क्या सूचित करता है १
चारित्रका लक्षण (स्वरूप)
चारित्र मोहनीयके उपणम तथा क्षयकी आत्माके कौनसे भाव
निमित्त हैं !
{ज |]
जगत्तमे मव भवितन्य (नियति) आधीन है इसलिये धर्म
होना दोगा तो दोगा-यदह मान्यता ठीक है ९
जीचको धर्म सममनेके लिये क्या क्रम है †
जीव द्रव्यको सप्रभमीमे
जीव जर शरीरम अनेकान्त
जीवका क्षायिक ज्ञान, सर्वज्ञताकी महिमा-परिदिष्ट
जीवके असाधारण भाव
२१३
२१४
२१५
२१६
२३०
२२१
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१५७
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श्श्८
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१४३
११०
श्श्८
স্ব १०४५
१७४- १८०
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