स्वप्न शेष | Swapn Shesh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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২৭১২৭ १3 -फरट क्लास क्या होता है जी ए -तुम नहीं समझोगी देवी, यह तुम्हारे वस की वात नहीं । में समझ गया गोपाल । अब चल । फस्स क्लास का मतलब होता है सबसे ऊंचे दर्जे में पास होना । फस्स क्लास आने वाला लटका अग्रेजी ऐसी फटाफट बोलता है, कि देख लो तो दंग रह जाओ | क्यों गोपाल * गोपाल इस स्तुति से कुछ घबरा-सा गया। बोला-- फटाफट तो नहीं काकी, लेकिन अंग्रेजी बोल बहुत लेता हूं । -आज नहीं तो कल बोलने लगेगा। देख लेना फिर खुद पसन्द करके व्याह करेगा 1 न फेरे न चंवरी, न जान न मान। बहू फूलों की माला डाल देगी इसके गले में, और चार आने खर्च करके मेरा गोपाल भी एक फूलों की माला डाल देगा उसके गले में । और बस, हो गया ब्याह । तुम और हम भी लक्ष्मी, थोडे जल्दी आ गये दस दुनियामे 1 -वाह, वाह, वाह ! बहुत हो गया । न कोई लज, न शर्म । गोपाल को अचानक एक वात याद आ गयी । माधवकाका का, हाथ पकड़ कर कुछ चिन्तित खर मे बोला - काका, आपासा को कल दवा देने पर भी नींद नहीं आई । -अच्छा ? -मा ने कहा था, आप उठ गये हों, तो बुला ला, । -चलो चलें । -जरा बच कर जाना, गोपाल वावू । वो इनका शेर-बच्बर यहीं कहीं खडा होगा 1 चूंकि गोपाल कुत्ते से डर रहा है, यदि इस लिए राधामाघव उसे पहुंचाने आ रहे हों, तो गोपाल के असिमान को इससे चोट पहुंचती है । इसलिए उसने हिम्मत वांध कर कहा - भे कोई कुत्ते से डरता हूं | में अकेले ही चला जाऊंगा । यह अहंकार अन्त मिथ्या है, इस वात को जानते हुए भी राधामाधव ने गोपाल का वचाव करते हुए कह्ा'- मुझे भी तो भौजाई से मिलना है। आओ, गोपाल, चं । भगवती, मे असी आया । पारो ने विनीत भावसे धीमेसखरमे कदा -जरा जल्दी ही वापस टीट आइयेगा, महाराज । पानी बिलकुल ठंडा हो गया है। दुबारा चढ़ा रही हूं।




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