पद्मावत | Padmawat

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पहला खर्ड हाथ सुलैमां' केरि अँगूठी। जग कहँ दान दीन्ह सरि सूठी ॥ ओ अतिगरुअ पुडुमिपति मारी । टेकिपुह्दुमि सब सिश्टिसेभारी ॥ दो०--दीन्ह असीस सुहम्मद्‌ करइु ज्ञुगहि ज्ुग राज। “ पातसाह तुम जग के गा तुम्हार मुहताजर ॥१३॥ पा वरनौ सूर भूमिपति राजा । भूमि न भार सहै जेहि साजा ॥ हय गय सेन चले जग पूरी | परबत हूटि उड़हि ह धूरो ॥ रेघु रइनि हे रबिहि गरासा । मानुस पंखि लेहिं फिरि बासा ॥ सतखंड धरती मड खरखंडा । उपर अष्ट शोहि ब्रह्म॑ंडा॥ डो गगन ईदर डरि काँपा | बाखुकि जाय पतारहिं चापा॥ मेरू धसमसे समुंद खुखाई। बनखँड टूटि खेह मिलि जाई ॥ अगिलन कह पानी खरश्वॉटा। पछिलन कह नहिं काँदौ “ आँटा ९॥ दोहा--जे गढ़ नए न काहुइ चल्त* होहिं ते चूर । जो वह चढ़े पुहुमिपति सेर साह जग सूर ॥१७॥ चोपाई अदल करौ जस पृथी रोई । चांटा चलत न दुखयै कोई ॥ नोशेरवाँ जो आदिल८ कहा । साह दल सरि से नहि अहा॥ १९ शलेमान = एकं प्राचीन यहूदी राजा जो बडा प्रतापी श्रौर दानी था। इसकी अंगुठी में यह छिद्धि थी कि ज्यें ज्यों दान देता त्थों स्यो धन बढता था। २ झहताज > सुखापेन्नी । # यह उक्ति जायी ने फिरदोसी के शाहनामा से ली है। फिरदौसी ने लिखा है :--- ০৪১ 3९३ (110 ৩1১০০ (৮০১ * ( (59५ ) ০০০ ১৬৯৮৫ 0৮০১০ ০৯০ ৩৮৮) ३ खरज-लकड़ी घास। ४ कादौ = कीचड़ । & গ্সাতা: (গলা) জবান होना । ६ इसमें चपलातिशयेक्ति है। ७ नोशेरवा--फारिस देश का एक राजा जो न्याय करने में प्रसिद्ध था । ८५ आदिल ८ न्‍्यायी ।




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