आर्च बिशप की मृत्यु | Arch Bishap Ki Mrityu

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Arch Bishap Ki Mrityu by कुमारी विला कैथर - Kumari Vila Kaithar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पूवं कथा “और, फ़ादर फ़ेरांड, वहाँ के निधासी लोग कौन हैं ? यदि सभी लोग बनजारे ही हैं, तो घर पर कौन रहता है ?” “रेड इस्डियनों की लगभग तीस विभिन्न जातियाँ, जिनमें प्रत्येक के ग्रलग-ग्लग रीति-रिवाज, अलग-अलग भाषाएँ हैं । उनमें से बहुत से तो एक दूसरे के भयानक शब्रु हैं। इनके श्रतिरिक्त मेविसकन लोग रहते हैं, जो स्वभावतः बड़े ही धर्मिष्ठ होते हैं। चूंकि वे ग्रशिक्षित हैं तथा उन्हें कोई पथ-प्रदर्शन करनेवाला नहीं है, वे अपने पूर्वजों के धर्मो से चिपके हुए हैं ।” “मेरे पास डुरेंगो के विशप का एक पत्र आया है, जिसमें उन्होंने इस नये पद के लिये श्रपने ही किसी पुरोहित की सिफ़ारिश की है,” मेरिया द अलांदे ने कहां । “प्रभुवर, यदि कोई वहीं का पुरोहित इस पद पर नियुक्त किया गया, तो यह बड़े दुर्भाग्य की वात होगी । इस क्षेत्र में वहाँ के लोगों ने कभी ठीक काम नहीं किया है। इसके श्रतिरिक्त यह पुरोहित वृद्ध व्यक्ति है। नया विकार श्रर्यात्‌ इस नये पद पर नियुक्त किया जाने वाला पुरोहित कोई ऐसा व्यक्ति होना चाहिये, जो नौजवान हो, स्वस्थ एवं हृष्ट-पुष्ट हो, उत्साही श्रोर बुद्धिमान हो । उसे जंगलीपन से, मूढ़ता से, चरित्रश्नप्ट पादरियों से तथा “राजनीतिक दाव-पेंच से निपटना होगा । उसे ऐसा व्यक्ति होना चाहिये, जो सुव्यवस्था को प्राथमिकता दे, उसे वह इतनी ही प्रिय हो, जितनी उसकी जिन्दगी ।!”! स्पेनिश काडिनल की गाढ़ी भूरी आँखों में एक चमक सी दिखाई दी शरोर उन्होने श्रपने मेहमान पर तिरी दष्ट गलते हुए कहा, “आ्रापकी इस भूमिका से तो मुझे यह संदेह हो रहा है कि आपका श्रपना कोई उम्मेदवार है, और वह कदाचित्‌ कोई फ्रांसीसी पुरोहित है । है न ठीक ?” आपका अनुमान ठीक है महोदय ! मुझे यह जानकर प्रपनन्नता है कि फ्रांसीसी मिद्ञनरियों के संबंध में हम एकमत हैं ।”




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