भगवान रो रहा है | Bhagwan Roo Raha Hai
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.69 MB
कुल पष्ठ :
170
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
विमल मित्र - Vimal Mitra
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सुनील गुप्ता - Suneel Gupta
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भगवान रो रहा है / 15 देदब्रत ने भी उसी शिविर में अपना नाम लिदाया था । सुलतान अहमद साहब ने उससे दरयाफ्त किया तुम जो इस शिविर में अपना नाम दर्जे कराना चाहते हो वरखुरदार अपने वालिंद की रजामंदी ले लीहै? देवब्रत ने कहा हां सर 1 अहमद साहब ने दुवारा सवाल किया इस शिविर के कुछेक कायदे-कानून हैं उन्हें पावंदी से निभा सकोगे न ? देवब्रत ने जवाव दिया हां सर आप जो-जो हुवम देंगे मैं सब करूंगा । सचमुच सुलतान अहमद साहब के चरित्र गठन शिविर के कायदे-कानून वेहद कड़े थे । स्कूल की छुट्टी के वाद शाम चार वे से तमाम लड़को को एक कतार में खड़ा करके ड्रिल कराते ये सर । कभी स्टै ड स्टिल कभी मार्च कभी हाल्ट गौर कभी वायें मुड-दार्ये मुड़ सिर्फ इतना ही नही उनके साय रहकर कौन-कौन-से काम किये डायरी में उनका हवाला भी दर्ज कराना जरूरी था । रोजमर्रा के कामकाज की फोहरिश्त डायरी में सबसे ऊपर दिन गौर तारीख उसके नीचे कुछेक सवालों के जदाब लिखने होते--1. आज मैंने कोन-कौन-सा सच बोला 2. आज मैंने कौन-कौन-से झूठ बोले 3. स्कूल के पाठ्य-क्रम के अलावा आज मैंने वाहरी कितादें कौन-कौन- सी पढ़ी 4. भाज सुबह मैं कितने बजे उठा 5. रात नो कितने बजे सोया 6. घर के अंदर और घर के बाहर मैंने लोगों से कंसा वर्ताद किया 7. आज स्कूल में मास्टर साहब के सवालों का जवाब कैसा दिया? शिविर में कुल मिलाकर चालीस-पैतालीस सदस्य थे। ये लोग भपनी- अपनी डायरी लिखकर सर को सॉप देते । सर उन डायरियों का मुआयना करके नीचे दस्तखत करते और उसी दिन वापस कर देंते 1 सुलतान साहद फर्माया करते ये में यह देखकर खुश हू कि सबके चरित्र में वाकई तरक्की हो रही है। अच्छा बताओ तो इस चरित्र गठन को मैं इतना महेस्व क्यों देता हूं? उनमें से एक लड़के ने जवाब दिया क्योकि चरित्र गठन के बगैर कोई भी इंसान बड़ा इंसान नहीं बन सकता । अहमद साहब ने वही सवाल दूसरे लड़के से किया ठीक है तुम बताओ 1 दूसरे ने जवाव दिया चरित्र हो इंसान की जिन्दगी वा मेस्दंड है। चरित्र गठन उस मेरुदंड को पुर्ता बनाता है 1 ठोक है भव तुम इस तरह वारी-वारी से एक-एक लड़का उठा और जवाव देकर बैठ गया । मोर तुम 7 तुम बया सोचते हो ?
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