महावीर वाणी भाग १ | Mahaveer Vani Bhaag 1

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Mahaveer Vani Bhaag 1  by रजनीश - Rajnish

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पंच-नमोकार-सूत्र नमो अरिहंताणं | नमो सिद्धाणं । नमो आयरियाणं । नमो उवज्डायाणं । नमो लोए सव्वसाहूणं । एसो पच नमुक्कारो, सव्वपावप्पणासणो । मगलाणं च सव्वेसिं, पटमं हवई मगलं।। अरिहतों (अर्हतो) को नमस्कार । सिद्धो को नमस्कार । आचार्यो को नमस्कार । उपाध्यायं को नमस्कार । लोक संसार में सर्व साधुओं को नमस्कार । ये पांच नमस्कार सर्वं पापों के नाशक हैं और सर्व मंगलों में प्रथम मंगल रूप हैं । 2




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