राजस्थान के एइतिहसिक ग्रंथों का सर्वेक्षण भाग १ | Rajasthan Ke Eitihasik Granthon Ka Sarvekshan Bhaag 1

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Rajasthan Ke Eitihasik Granthon Ka Sarvekshan Bhaag 1  by नारायणसिंह भाटी - Narayansingh Bhati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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४२. ४३. ( হত ) चूहा का यूत्तान ११५, (21) বৃষ্তা ক पुत्रों छा हाठ ११५, (१३) राव रिध्म्सम तथा जोएा शा ब॒त्ात ११५, (१३) इसी प्रकार जोधा के पुत्र মাশল ये रूझा का दत्ताति दिया है ११४५, (१४) राव गंगा का दत्ताद ११ (१५) महाराज যানি বা बत्तांत ११६, (१६) महाराजा जसयतानिह शा बसांत ११७, (१७) भाटी संवलसिह्‌ पृष्वीराजोत का बत्तात ११७, (१८) भमरसिद क पुत्र रायभिह थे বীর इंससिह का बुल्तात विस्तारपूर्दश दिया हैं ११७ (१६) मासरेव का युत्तत्ति ११६, {२०} चदरतेन फा दत्तात्‌ ११८. (२१) मोदा सना उदयदिहु भग वुत्ताति ११८. (२) महाराजा सूरभिह का पुत्तांत ११६, (२३) गजसिह का वृत्तात १२०. (अ) राव बीका हे वंधजों का हाल १२०, (व) राव मालदेव के बंइजों घ। তাল 12০, (१) मोटा राजा उदयसिह १२०, (२) राद राम १६२०, (३) राव चंद्रमेन १२०. (४) राममल १२१, {५) रतनमी १२१, (६) भारा १२१, (७) भोजराज १२१, (५) विक्रमादित्य १२१, (६) महेस १२१, (१०) तीलोकसी १२१, (११) पृथ्वीराज १२१, (१२) आमप्करण १२१, (१३) गोपालदास १२१, (१४) इूगरसी १२१, (१५) लिखमौदास १२१, (१६) रूपसी १२१, (१७) तेजंसी १२१, (१६) ठाकुरसी १९१, (१६) इसरदास १२१, (२०) जैतसी १२१, (२१) जत्तमास १२१, (লন) হান गांगा के वश्जो का हाल १११, (१) मानसिह १२१, (+) किसनदास १२१, (३) वरसल १२१, (४) झान्हा १११, (५) सादु १२२, (द) याघाके वलजो का हात १२२, (१) चांपादत राढौड १६२, (२१) उदावत राठोढ़ १२२, (३) भेड़तिया राठौड़ १२२ मुरारदान को हयात के नै টি १२२ राठौड़ों की रुपात এ अ এ १२४ (१) राव रिड्मल का वृत्तांत १२४, (२) राव जोधा सूं गंगा तक हाल १२५, (३) मालदेव का वृत्तोत १५६, (४) चंद्रसेत का बृत्तांत १२६, (४) उदयसिह का वृर्तात १२७, (६) सूरसिद्द का चृत्तात्त १९७, (७) যসনিত্ का वृत्तांत १२८, (८) जसव॑तसिह का वृत्तत १२८५, (६) महा- राजा जसवंतर्तिह का वृत्तांत और दुर्गादाप्त १२८, (१०) महाराजा प्रभय- सिंह का बुत्तांत १२६, (११) महाराणा रामसिह का वृत्तात १३०, (१२) महाराजा वखतसिंह का वुत्तांत १३०, (१३) महाराजा विजपसिह बृत्तात १३१




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