राजस्थान के ग्रन्थागार | Rajasthan Ke Granthagar

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Rajasthan Ke Granthagar by नारायणसिंह भाटी - Narayansingh Bhati

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about नारायणसिंह भाटी - Narayansingh Bhati

Add Infomation AboutNarayansingh Bhati

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
जिनभद्वसूरि ज्ञान भण्डार, जेसलमेर स्तुष्यीखू चछस्ना र स्तथा जेसलमेर नगर जेसाः श्रथवा जंसल द्वारा बसाया गयाथा। जैसलमेर (जैसल का दुर्ग) शब्द कौ व्युत्पत्ति जैसल तथा मैरू, इन दो शब्दो के योगसे हुई है। राज्य के तत्कालीन शासक राव जेसल ने उस समय की राजधानी लौद्रवा को प्रतिरक्षा की इृष्टि से श्रनुपयुक्त समभ कर दूसरे स्थान पर जैसलमेर के दुं की स्थापना सवत्‌ 1212 सावण सुद 12 इतवार तथा मूल नक्षत्र मे की थी । (सन्‌ 1155 ई.)2 भ्राज भी भग्नावस्था मे लौद्रवा जेप्तलमेर के उत्तर- पश्चिम मे जिले के मुख्यालय से 16 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। जिले का यह्‌ क्षेत्र, प्राचीनकाल मे माडधरा श्रथवा वल्ल मडल के नाम से प्रख्यात था । राजस्थान बनने के पश्चात्‌ सन्‌ 1949 मे भूतपूर्व जैसलमेर रियासत में जोधपुर रियासत के कुछ भाग मिलाकर, जेसलमेर जिले का निर्माण किया गया । यह जिला राजस्थान के सुदूर पश्चिम मे स्थित है और भारत के विशाल मरुस्थल थार का बडा भाग है। यह 26 -01' से 28?-02/ उत्तरी श्रक्षांस व 0697-29 से 72-20 पूर्वी रेखाश के मध्य स्थित है ।* 1, शर्मा, जी, एन , सौशल लाइफ इन मिडइवल राजस्थान, आगरा, 1969, पू 49. 2. “मू. नै. स्या., আম 2, पृष्ठ 279, रुयात , पृष्ठ 47, तवारीख, पु. 28, टॉड : राज भाग 2, पृष्ठ 495, वी. वि भाग 2, पृष्ठ 1757, पूर्णेचन्द्र नाहर ४ जे. ले स खण्ड 3, भूमिका, पृष्ठ 5, रिप्रेजेण्टेशन श्रॉफ जैसलमेर स्टेट 1935 पृ 38. 3. राजस्थान जिला गजेटियसे, जैसलमेर, 1977, पृ 1 4. राजस्थान जिला गजेटियर्स, जैसलमेर, 1977, पृ 1. 5. स्त्रोत कार्यालय भारतीय सर्वेक्षण विभाग, पश्चिमी वृत कार्यालय, जयपुर, राजस्थान । राजस्थान जिला गजेटियरसं, जंसलमेर, 1977, पृ. 1




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now