तुलसी ग्रंथावली भाग १ | Tulsi Granthawali Bhaag 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
64 MB
कुल पष्ठ :
587
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्री गणेशाय नमः...
श्री जानकीवल्लभो विजयते `
प्रथम सोपान
बाल कांड
--वर्णानामर्थसंषानां रसानां दंदसामपि ।
, मंगलानां चकर्तरी वदे वाणी विनायकौ |
मवानीशकरौ वदे श्रद्धाविश्वासरूपिणी ।
याभ्यां विना न पश्यति सिद्धाः स्वांतःस्थमीश्वरं ॥
वदे बोधमयं नित्य गुरु शुकररूंपिणं ।
माश्रितो हि वक्रोऽपि चंद्रः सर्वत्र वंद्यते॥
सीतारामगुणग्रामपुणयारग्यविहारिणौ |
वदे विशुद्ध विज्ञानो कवीश्वरकपीरवरौ ॥
उद्धवस्थितिसहारकारिणीं क शहारिणीं ।
सवेश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामवल्लमां ॥
यन्मायावशर्वत्ति विश्वमखिलं ब्रह्मादिदेवासुराः ॥
यत्सस्वादमृपेव माति सकलं रज्जौ यथाहैर्भमः |
यत्पादरप्लवमेक्रमेव. हि भवांमोधेस्तितोषौवतां
আইও तमशेपकारणपरं रामास्यपीशं हरि ॥
ननापुराणनिगमागमसम्भतं यद्-
रामायण निगदितं क्वचिदुन्यतोऽपि |
स्वातःसुखाय . तुली रघुनाथयाधा-
माषानिवेवमनिमेजु नमातनति ॥
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