संयम प्रकाश | Sanyam Prakash

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Sanyam Prakash  by श्री दिगम्बर जैन - Shri Digambar Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय व्यन्वरादि देवो के आवास-स्थान देबो में इद्र व प्रती द्र का क्रम इन्द्रों की सभा सेना व देवागनाएँ अस्ुरादि दवों क श्वासोच्छ वास तथा आदवार का क्रम देखों के शरीर का उ सेघ यतर दंब “यन्तरों क शरीर का चरणन অ নহাঁভ শক্ত নু বণ্তযাঁ মহল্সবীল্ব্বাশনাম্ব জলা অনহাঁক্ক হ্ীক্ট লহ बाण হী के भद आवास स्थान और उनकी आयु यन्तरोँ के निलय यन्तरों क रहने क क्षेत्र मध्यलोक কস, | तियंक लोक का वर्णन | दीप का वणन | कुलाचलों का विस्तार श्रौर वणन कुल्ाचलों पर सरोवर भरोबरों के मध्य रमन्न भ्रो< उनपर सपरिवार देविर्याँ ---- थ = ल = न ल সস পা পতিতার ৯৮৪১ তত ~ রস मे लक, इटों से नदियों का उद्गम गङ्गा नदी फे निकास ब गमनारि सिधु | शेष नत्यों का वशन नदियों का विस्तार भरता दि चेत्रों का विस्तार ( र ) प्रष्ठ सख्या विषय ४६४ । विदेद्द क्षेत्र के मध्य में रिथित मेद का स्वरूप | श्य चार मेर पवत ঃ । सुमेरु पव॑त कौ वोढारं कः क्रम ४६४५ ' मेरु पर स्थित शिलाओं का वणन जम्बू वृत्त का बणन ४६६ । विदेद्द क्षेत्र वृषभाचज्ञ पव्र्तों का बणन राजधानियों का वशम नाभिगिरि का वणन ६७ | कूँ का वणन कालचक्र ऋ परिवत्तनं ५६८ ` उतमर्पिणी श्रवसर्पिंणीफाल श्रौर उनके £ भेद काल्ल की ्रपेक्ता जीवों छी धायु ४५६६ | कल्पबुत्तों के भेद भोगभूमि का खरूप कमभूमि के प्रवेश का अनुक्रम और कुलफरों की उत्पत्ति कुलकरों का काय तिरसठशलाका फे पुरुष तोथकरों के शरीरों की ऊँचाई व भायु का प्रमाण $ | तीथकरों के अन्तराल ६ २ | जिनधमें फा उच्छेटकांल शक और कल्की शी उत्पत्ति ६०३ | नियत भोगभूमियाँ ६०४ | कुभोग मूमि कदा कहा हे ९ ६०५ | कुमोग भूमियों में जन्म लेनेधाले जीन » धावकीखड भौर पुष्छराध की रचनां 9 | ६१२ ६१३ ६९४ ६१५ ६१६ ६१७ $ ६१८ शत ६१६ 9 ६२० 9 ६२१




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