संसार मे जिसे दुखी देखा | Sansar Me Jise Dukhi Dekha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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क कर ^ 5 गई पीर जो बाने' उसमे अऋब्दास्को से को थी चइसपा विद्ार करने ६६ (1 এ भर ০ হয়া उसे छोड़ कर चले गये ?े दया इसे त्पाग देंगे। क्या उससे দন হেনা আলে हैं ? ने उनसे प्रा वर्या नहीं एर पृ कर ही बया कानी, छात्र मेल घोना तो संभव सद्यों । इस घर में হনে নত লী হল হীন গন্ধ দুই ক লিউ আলম টি) ईशवा ! तुम साक्षी ऐो। में হইক্ষিয নে ঘসা হান मो 1 कया মাম শী उसे उसी तरह प्यार नहीं काली । प्राज मेरा हदय इसके प्रेम के लिये पनीर भो विस्तृत हो गया টু, ঘর ভন ন- * গলেনি আহি অহ আহ नहीं कह सकी । मेदोना में कमरे में पर रखा । सैटोना-श्या ट्र के छिय्े ग्राज भो भोजन नहों स्यार रोग्धा। कया शाम तक उन्द्‌ ग्राज भी भूर्ों मारना ऐ ? সান ढालो-मैं थ्रभो श्राकर एन्तजाम फरती एू। दूध के छिये। करना को भेजा या नहीं ? गतहन इतना कहकर टाली पने स्थान से उठी झोर घर फे काम में ६ বাই | कुछ काल के लिये उसका सारा दुःख भूल गया । ই श्रव्शास्की की चुद्धि स्कूल से ही तीघ्र धी; पर चह पक्का शैतान और खिलाड़ी था | यही कारण था कि অহ বাজ में सदा नीचे रहा | अल- ददौ भी वह एक नम्बर का था। इन सब असुविधाओं के होते हुए भी इते श्रष्टी नौकरी मिल गर थी। इस समय वह सास्को नगर के सरकारी चोढ के एक महकमे क्ाअफपर था । यह पद्‌ उपे श्वल झलेकूजेंडो- ,




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