जैन धर्म के प्रभावक आचार्य | Jain Dharma Ke Prabhavak Acharya
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
454
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(उन््नीस )
४३ चेत्य-पुरुष आचार्य जिनचन्द्र (मणिधारी) ३२०
४४ कवि-किरीट आचार्य रामचन्द्र ३३०
४५ उदारहदय आचाये उदयप्रभ २३३
- ४६ प्रतिभा-प्रभाकर माचायं रत्नप्रभ ३३५
४७ तप के मूतं रूप आचायं जगच्चन्द्र ३७
४८ बौद्धिक-रत्त आचार्य रत्नाकर ३२३६
४६ तत्त्व-निष्णात आचाय॑ देवेन्द्र ३४१
५०, शब्द-शिल्पी आचाये सोमप्रभ २३४२
५१ मति-मातंण्ड भाचायं मल्लिपेण ३४१
५२ जन-जन हितैषी आचार्यं जिनप्रभ ३४५
५३ कुशल शासक आचाये जिनकुशल ३४७
५४ महामेधावी आचारय॑ मेरुतृग ३४८
५५ गुण-निधान आचाये गुणरत्त ३४६
अध्याय तीन नवीन यग
१ वाचोयुक्ति-पटु आचार्यं हीरविजय ३५३
२-३ वाद-कुशल आचाय विजयसेन भौर विजयदेव ३५४
४ जिनधमं प्रभावक आचाये जिनचन्द्र ३५५
५ क्षमा-मुदिर आचाय ऋपिलव ३५६
६ धम॑ध्वज आचायं धमं त्िहुजी २५९
ও दुढप्रतिन्ञ आचार्य घधर्मंदासजी ३६०
८ प्रवल-प्रचारक आचार्य रघनाथ ३६२
९ इन्द्रिय-जयी भाचायें जयमल्ल २६३
१० मगल प्रभात चायं भिक्ष् ३६६
११ प्रज्ञा-प्रदीप भाचायं जय ३७१
१२ विद्या-विभाकर आचाये विजयानन्द ३७४
१३ अज्ञान-तिमिरनाशक आचाये अमोलक ऋषि ३७६
१४ चिन्मय चिराग आचाय॑ विजय राजेन्द्र ३७८
१५ करुणा-सरोत भाचायं कृपाच ३७६
१६ शास््र-विशारद भाचायं विजयधरमं ३८०
१७ विशद विचारक आचायं विजयवत्लभ ३८१
१८ योग-साधक आचार्य बुद्धिसागर ३८२
१९ समता-सागर आचार्य सागरानन्द ३८३
२० कमनीय कलाकार भाचाये कालूगणी বদ
२१ प्रवचन-प्रवीण आचाये जवाहर ३८७
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