कीर्तन - प्रणाली के पद | Keertan Pranali Ke Pad
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
68 MB
कुल पष्ठ :
508
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)& नित्य-सेवा के ऋतुसमयानुसार के पद-की्तनन की संख्या-सूची “ &
(१) जगावे के समय श्रीमहाप्रभुनी की विनती के--
১5১ ८४७ इत्यादि ।
(२) श्री ठाउरजी के जगाबे के ३, ७३२, ७७०, ८०३,
११६४१, ११६५ इत्यादि ।
(३) ऊलेऊ के --४, ४८६, ११६६* इत्यादि ।
(४) श्रीयमुनाजी के--५, ६३४५, ६४० से ६६१ इत्यादि
(५) सरिता के--४६२, ४६४ से ४६८ ८६२ |,८६३1,
६६०, ५ ००८१ इत्यादि 1
(६) मगत भोगसरवे के-->; दप्यादि ।
(७) मगना दृ शंन के--४६३,४६६1,५३३.,७४४,७७६-
८०५ | ; ८७२ এ ই | ४५ हे | 9 १००८१५,१०२८५
१०४५० ५, १०५४ इत्यादि ।
(5) श्र गार ओसरा ( समय ) के--२३४$, २३६$,
३४७, ३८८) ४०४, ) ५२४} ৩১৪৬, ७४६, ७६७१,
ও৬ই1 से ७७५|, 5০1 2 ৬1) 5৬৮1,
८७४ |, ८७२७, ८७७, ८६२|, ८६५1, ६ »|,
६२९४|, ? २०४, १०४१*, १०२६४, १०३०,
१८६२१, १०६६५ दप्याहि ।
(६) क्ष गार दर्शन के---७६८, ७४७,७६४, ४७८, ७७६,
६०८], ६२६ |, ६६० |, ६८०, १०१५, १०२५१,
१०३१ , १०६७४, ११०४ इत्यादि ।
(१०) ग्याल् समे के--१६४, ५०३ ( उरहाने तथा खेल
के ) धेया के- {२०६ ।
(१ {) प्रखन् के--५१, ६४; ६५, ६६, ६७, ছিলে ६६,
७०, ७!
(१२) राजभोग भआाये--
| घर भोजन फे--३६३, ४१४ से ४९७, ४२४,
५३६ से ५३६
| त्रन-भक्तन् के घर भोजन के--३६२, ३६४,
३६४ हृत्थादि ।
| छाक के-१७९ से १८१, ३म्४से ३८६)
६०५ से ६१३
* छाक के---११६७ से १२०० इत्यादि ।
(१३) राजभोग सरे अचवायबे के-३६६, ३६०,१०८१
(१४) बीरी के--३१६७, ३६१1, ४३६, ८७६1,
१२००४ इत्या
। । ৯৬
पाग, फेंटा, दुभाला, पगा, कुल्हे, सेहरा, टिपारा,
(१४) माला के--७६४५ इत्यादि ।
(१8) राजभोग दर्शन के--१६३३, ४६८३, ७४०1,
७४८, ७४६1, ৬৬০1; १००७ १०१३५,
१०३२५ १०३३५, १०८० इत्यादि ।
(१७) भोग ॐ दर्शन ॐ-- १६४ ३६३ से ३६६, ७६७
(१८) सभ्या के- १६९, ३६९,२६५७,४०४, ४२०, ७६८,
१००३,१०३५५, १०४१५ इत्यादि |
(१६) साभ की वैया के--१२१०
(२०) शयन भोग आये--३६८ इत्यादि ।
(२१) दूसरे भोग के---८६० इत्यादि ।
(र) शयन दर्शन-४२१, ८, ४३ से ४३५)
४३६, ४४० से ४४५, ४५४, ७५३; ७५५)
७६८ आदि |
(२३) मान के---२७७, ३१३, ४०४, ४४१, ४४०, ४४७,
४४८ ४५५२, ४५७, ४१०, ६२०, ६३४
(- ४) पोढबे के--६८, १०४, १७०, २७८, ३१४,३२०,
३२१, ४०६, ४६३1, ४११, ५३१३, ४३२३,
४३३1, ७५६, ८०१, ८६९, ६२१
(२४) आश्रय माद्दात्म्य आदि के-- १५३६, १५७, ४२२,
१२०५ इत्यादि |
% विशेष समय के #
(५६) त्रतचयी के - १२०३७ १२९०४
(२७) ल्लतमालकोस के-५ ६ सरे ५ & तक ।
(२८) पनरघट झे--६२४ से ६३३, ६७२ इत्यादि ।
(२६) फृबमडली के--७४१, ७८६ इत्यादि ।
(३०) फूल के श्र गार के--६४७२, ६७३ इत्यादि ।
(११) खसखाने के--६६६, ६७०, ६७१ इत्यादि ।
(१२) नाव के--६१७, ६८ इत्यादि ।
(३३) जलविद्दार के--६६३ से ६६६ इृध्यादि ।
(१४) मल्हार के--१००३१, १००४, १०१४, १०३८,
१०४६, १०४६ इत्यादि ।
(३४) मुरली के--ध्८० इत्यादि ।
(३६) साभी के--१९०६ से १२०८ तक।
(३१७) हिलग के--४४०, ११६८, ११७८ आदि।
मुकुट, धोती, पिछ्लोरा आदि झ गारन के विविध
“संपादक
समय के तथा घटान के पद उत्सवन के पद्न की सूची? में सू निकासि लेने ।
> बिना चिह्न वासे बारहो मास गायवे के । * इस चिह्न वाले वर्षाऋतु के । ‡ सीतकाल के । † उष्णुकाल कै !
$ अ्रभ्यमं होय तब के ।
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