कीर्तन - प्रणाली के पद | Keertan Pranali Ke Pad

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Keertan Pranali Ke Pad by ब्रजभूषण लाल - Brajbhushan Lal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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& नित्य-सेवा के ऋतुसमयानुसार के पद-की्तनन की संख्या-सूची “ & (१) जगावे के समय श्रीमहाप्रभुनी की विनती के-- ১5১ ८४७ इत्यादि । (२) श्री ठाउरजी के जगाबे के ३, ७३२, ७७०, ८०३, ११६४१, ११६५ इत्यादि । (३) ऊलेऊ के --४, ४८६, ११६६* इत्यादि । (४) श्रीयमुनाजी के--५, ६३४५, ६४० से ६६१ इत्यादि (५) सरिता के--४६२, ४६४ से ४६८ ८६२ |,८६३1, ६६०, ५ ००८१ इत्यादि 1 (६) मगत भोगसरवे के-->; दप्यादि । (७) मगना दृ शंन के--४६३,४६६1,५३३.,७४४,७७६- ८०५ | ; ८७२ এ ই | ४५ हे | 9 १००८१५,१०२८५ १०४५० ५, १०५४ इत्यादि । (5) श्र गार ओसरा ( समय ) के--२३४$, २३६$, ३४७, ३८८) ४०४, ) ५२४} ৩১৪৬, ७४६, ७६७१, ও৬ই1 से ७७५|, 5০1 2 ৬1) 5৬৮1, ८७४ |, ८७२७, ८७७, ८६२|, ८६५1, ६ »|, ६२९४|, ? २०४, १०४१*, १०२६४, १०३०, १८६२१, १०६६५ दप्याहि । (६) क्ष गार दर्शन के---७६८, ७४७,७६४, ४७८, ७७६, ६०८], ६२६ |, ६६० |, ६८०, १०१५, १०२५१, १०३१ , १०६७४, ११०४ इत्यादि । (१०) ग्याल् समे के--१६४, ५०३ ( उरहाने तथा खेल के ) धेया के- {२०६ । (१ {) प्रखन्‌ के--५१, ६४; ६५, ६६, ६७, ছিলে ६६, ७०, ७! (१२) राजभोग भआाये-- | घर भोजन फे--३६३, ४१४ से ४९७, ४२४, ५३६ से ५३६ | त्रन-भक्तन्‌ के घर भोजन के--३६२, ३६४, ३६४ हृत्थादि । | छाक के-१७९ से १८१, ३म्४से ३८६) ६०५ से ६१३ * छाक के---११६७ से १२०० इत्यादि । (१३) राजभोग सरे अचवायबे के-३६६, ३६०,१०८१ (१४) बीरी के--३१६७, ३६१1, ४३६, ८७६1, १२००४ इत्या । । ৯৬ पाग, फेंटा, दुभाला, पगा, कुल्हे, सेहरा, टिपारा, (१४) माला के--७६४५ इत्यादि । (१8) राजभोग दर्शन के--१६३३, ४६८३, ७४०1, ७४८, ७४६1, ৬৬০1; १००७ १०१३५, १०३२५ १०३३५, १०८० इत्यादि । (१७) भोग ॐ दर्शन ॐ-- १६४ ३६३ से ३६६, ७६७ (१८) सभ्या के- १६९, ३६९,२६५७,४०४, ४२०, ७६८, १००३,१०३५५, १०४१५ इत्यादि | (१६) साभ की वैया के--१२१० (२०) शयन भोग आये--३६८ इत्यादि । (२१) दूसरे भोग के---८६० इत्यादि । (र) शयन दर्शन-४२१, ८, ४३ से ४३५) ४३६, ४४० से ४४५, ४५४, ७५३; ७५५) ७६८ आदि | (२३) मान के---२७७, ३१३, ४०४, ४४१, ४४०, ४४७, ४४८ ४५५२, ४५७, ४१०, ६२०, ६३४ (- ४) पोढबे के--६८, १०४, १७०, २७८, ३१४,३२०, ३२१, ४०६, ४६३1, ४११, ५३१३, ४३२३, ४३३1, ७५६, ८०१, ८६९, ६२१ (२४) आश्रय माद्दात्म्य आदि के-- १५३६, १५७, ४२२, १२०५ इत्यादि | % विशेष समय के # (५६) त्रतचयी के - १२०३७ १२९०४ (२७) ल्लतमालकोस के-५ ६ सरे ५ & तक । (२८) पनरघट झे--६२४ से ६३३, ६७२ इत्यादि । (२६) फृबमडली के--७४१, ७८६ इत्यादि । (३०) फूल के श्र गार के--६४७२, ६७३ इत्यादि । (११) खसखाने के--६६६, ६७०, ६७१ इत्यादि । (१२) नाव के--६१७, ६८ इत्यादि । (३३) जलविद्दार के--६६३ से ६६६ इृध्यादि । (१४) मल्हार के--१००३१, १००४, १०१४, १०३८, १०४६, १०४६ इत्यादि । (३४) मुरली के--ध्८० इत्यादि । (३६) साभी के--१९०६ से १२०८ तक। (३१७) हिलग के--४४०, ११६८, ११७८ आदि। मुकुट, धोती, पिछ्लोरा आदि झ गारन के विविध “संपादक समय के तथा घटान के पद उत्सवन के पद्न की सूची? में सू निकासि लेने । > बिना चिह्न वासे बारहो मास गायवे के । * इस चिह्न वाले वर्षाऋतु के । ‡ सीतकाल के । † उष्णुकाल कै ! $ अ्रभ्यमं होय तब के ।




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