सत्यकथा - आदानक | Satyakatha - Adanak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
44 MB
कुल पष्ठ :
762
श्रेणी :
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No Information available about श्री जयदयालजी गोयन्दका - Shri Jaydayal Ji Goyandka
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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` २४६
२४७
४१८-विक्रमकी जीव-दया. *''
४१९-सवेस्वदान [हषंवधनकी उदारता] (रा० श्री०)
४२०-बेलोंकी चोट सतपर ˆ ( दि० दु° ) ˆ ३४८
४२१-पत-दर्शनका प्रभाव ` ( रा० ०) ˆ** ३४९
४२२-रामूकी तीथयात्रा ** ३४९
४२३-रंगनादकी पितृभक्ति ' *“(जा० श० ) ** ३५०
४२४--कतशता “ (सु० हिं० ) **' ३५१
४२५-गुरु-निष्ठा * (रा० श्री० ) **' ३५१
४२६-स्वामी श्रीदयानन्दजी सरस्॒तीके जीवनकी कुछ
कथाएँ ( श्रीवाबूरामजी गुप्त ) * ३५१
४२७-मौन व्याख्यान ( रा० श्री० ) **' ३५३
४२८-प दल यात्रा “(9 9 ) ˆ ३५३
४२९-भाव सच्चा होना चाहिये ˆ 9 3 ) ˆ“* २५४
४३०-जीवनचरित कैसे लिखना चाहिये (सु० तिं० ) ३५४
४३ १-दयाछ॒ता “*( 9 33 ) २५५
४३२-संकटमे भी चित्तशान्ति * गो०न० बै०) ३५५
४३ ३-विद्या-व्यासड्की सुचि वि ( 93 33 ) ३५५
४२४-करागज-पनन देखना था, रमणी नहीं (+ ॐ ) ३५६
४३५-विपत्तिमें भी विनोद “(9 9 ) ३५६
` ३५६
४३६५६-स्थितप्रशता ।
ˆ“ (गो० न° बे०) ३५७
४२७-दुःखेष्वनुद्धि्ममनाः
४२८-सत्याचरण ' (सु० বি০) ३५७
४२९-जिहाको वदामे रखना चादिये ( 9 9 ) ३५७
४४०-अद्धत शान्तिप्रियता ˆ ( जा० श० ) ३५८
४४१-हस्त-लेखका मूल्य * (5১১) २५९
४४२-काले सेका भी खागत ˆˆ* (3 ৮) ३५९
४४३-कर्मण्यवाधिकारस्ते [महात्मा गाँधी और लेनिन]
( ५० श्रीबनारसीदासजी चतुबेदी ) * ३६०
४४४-पूरे सालभर आम नहीं खाये ( जा० হা) ३६१
४४५-मारे शरमके चुप “(9 ५) ३५९२
४४६-भद्भुत क्षमा (9 ॐ ) ३६२
४४७-सहनशील्ता ' ( सु० तिं० ) २६४
४४८-रामचरितमानसके दोष ''** ( जा० श० ) २६४
४४९-मै खून नहीं पी सकता *'* ( छु० सिं० ) ३६४
४५०-चिन्ताका कारण *' ( जा०दा० ) ३६५
४५१-विलक्षण संकोच (५9 3 ) र६६
४५२ -भगवत्-विस्मृतिका पश्चात्ताप ( 955 2 ) ३६६
४५२-गोरक्षके लिये स्व॒राज्य भी त्याज्य (59- 9 )*** ३६६
४५४-अन्यायका परिमार्जन ** ३६७
४५५-नल-राम-युधिष्ठिर पूजनीय है “* ३६७
४५६-संत-सेवा ( रा० श्री० ) *' २६८
४५७-आददर्श सहनशीलता 65 ১১০ ३६८
তব
९ )
४४५८-विछक्षण क्षमा ° ००५
४५९-परट-धरर्मे भगवान् (रा० श्री० ) ** ३
४६०-में नहीं मारता तो मुझ्ते कोई क्यों मारेगा
( कु० राधा ) २७०
४६१-प्रतादका स्वाद *' ३७१
४६२-भगवन्नाममय जीवन ' (सु० सिं०) * ३७१
४६ ३-परोपकारके लिये अपना मात-दान( ?? १? ) ** ३७२
४६४-गुप्ताज्ञ फॉली ( जा० श० ) ˆ ३७२
४६५- विचित्र पश्च | ˆ *“ ३७२
४६६-तुटसीका चमत्कार *** ইও২
४६७-भगवानके भरोसे उद्योग कर्तव्य है
[ भिखारिणीका अक्षय भिक्षापात्र ] ३७३
४६८-अहिंताका चमत्कार ( रा० श्री० ) **' ३७४
४६९-दथ-परिवतेन [ अगुलिमाटका परिवर्तन
(বাণ লও ) ** ২৩৭
४७०-इन्द्रिय-लयम [ नतेकाका अनुताप ] ३७६
४७१-निथ क्ष न्याय [ रानीको दण्ड ] *** ३७७
४७२-अर्दिखाकी दि्ापर विजय |
दे-वेभवय) घिकार है [ भरत ओर बराह ] ˆ ˆ“ ¦
४७४-शू लीसे सर्ण॑सिंहासन हे
४७५-अडिग निश्चय--सफलताकी कर्ज
४७६-सवंत्र परम पिता ( श्रीलोकनाथप्रसादजी
ढॉदनिया ) न
४७७-संन््याती और ब्राह्मणका धनसे क्या सग्यन्ध !
( भक्त श्रीरामशरणदातर्जी ) টা
४७८-सवपके নাণন্ধা লদগা সামিল (2১১)
४७९-भगवत्सेवक अजेय है [ महावीर दनमानजी ]
४८०-दीनेके प्रति आत्मीयता ( प्रेपक--भी गज
गोपालदातजी अग्रवाल ) ।
४८१-संस्कृत-दिंदीको छोड़कर अन्य भाषाका कोई
भी शब्द न बोलनेका नियम ( भक्त
श्रीरामशरणदासजी ) ˆ ६८६
४८२-गो-ब्राह्मण-भक्ति [ खर्गीय धामिक नरश परम
भक्त महाराज प्रतापतिंदजी काश्मीरके जोवनी
घटनाएँ | ( 39 33 ) ** ३८७
४८३-आजादकी अद्भुत नितेन्द्रिपता( ४» ) ** ६
४८४-सिरगरेट आपकी तो उसका धुओं হিলরা!
( सख्वामीजी भरीग्रेमपुरीजी ) ` * ३८८
४८५-कर सौ तलवार गदौ जगदा *** ई
८९
४८६-जीव मक्ष क्से रोता ই € श्पिगेश्वरर
त्रिपाठी ची° 2০) -** ३९०
४८७-भमगवत्मेम रा भ्म) ३९२
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