पद्य पुष्पांजलि | Padh Pushpanjali

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Padh Pushpanjali by पाण्डेय लोचन प्रसाद - Pandey Lochan Prasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ७ ) घ्व, चेतन्य, भक्त, प्रहाद । जोमेनि, गौतम, कपिल, कणाद ॥ करता जग जिनका गुण-गान । है बे सब तेरी सन्तान ॥ १७ ॥ पाणिनि, बास्मीकि शुमनास । হাত, অন্তু भास्कर गुखधघाम ॥ ब्यास देव शुक विमल चरित्र । सब की हे तू भामि पवित्र ॥ १८॥ रामचन्द्र की है तू भूमि। रृष्णाचन्द्र की हे तू भूमि ॥ सुख स्वतन्त्रता की तू भूमि । धमे धीरता की तू भूमि॥ १€॥ हमको हे तेरा अभिमान। हम सव हँ तेरी सन्तान ॥ तेरे हित हैं जीवन प्राण जय जय पावन हिन्दुस्तान | ॥२०॥ ड्ल र क ग नङ्क




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