भारतीय शासन | Bhartiya Shasan

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Bhartiya Shasan by भगवानदास केला - Bhagwandas Kela

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भारतीय शासन स्वाधीन राज्य--भारतवर्ष में स्वाधीन राज्य केवल नैपाछ और भूटान ही है | इनकी सीमा पर भारत सरकार का रेज्ञीडिंट रहता है पर उसे इनके आन्तरिक राज्य प्रवन्ध में हस्तक्षेप करने का कुछ अधिकार नहीं होता | . नैपाल का प्रधान शासक महाराजाधिराज कहलाता हे। वास्तविक शासन अधिकार জন্সী জ্বী ই | मनत्री से नीचे जगी लाट होता है, जो मन्त्री के देहान्त पर प्रायः उसके पद का अधिकारी हो जाता है । इस राज्य का क्षेत्रफल चब्वन हज़ार वगे मील और जन संख्या पचास लाख हे । भूटान का क्षेत्रफल अठारद्द हज्ञार वगे मील और जन- संख्या लगभग तीन छाख हे । इसे भारत सरकार से सालाना एक छाख रुपया मिलता है और यह बाहरी मामलों में उसकी सलाह से काम करता है। भीतरी मामलों में यह स्व॒तन्त्र है। प्रधान शासक महाराजा कहाता है। देशी रियासतें-«देशी रियासतें सब मिलता कर छगभग १७५ बड़ी और ५१०० छोटी हैं । ये अपने आन्तरिक शरासनम कुछ कुछ स्वतन्त्र, परन्तु बाहरी मामलों में सबेथा आररेज़ सरकार के अधीन हैं | इनका क्षत्रफत्त सात लाख बगे भील सर कुछ कम और जन संख्या सात करोड़ से कुछ अधिक है । इनका विशेष वर्णन बारहवे परिच्छेद में किया जायगा । ब्रिटिश भारत दसका श्ेत्रफल छगभग ग्यारह छाख बगे मील और जन संख्या करीब पौने पच्चीत करोड़ हे। इसका विशेष ब्यौरा आगे के कोष्टक में दिया गया है।




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