आरण्यक | Aarnayak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
298
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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৮
मगर अपनी यह स्मृति आनंद की नहीं, दुःख की है । स्वच्छंद प्रकृति
की बह लीला-भूमि मेरे ही हाथों विनष्ट हुई। में जानता हूँ कि इसके लिए
खल-देवता मुझे कभी साफ न करेंगे। सुना है, अपने से अपने अपराध की
आत कने से उसका भार थोड़ा हल्का होता हैं।
इस कहानी की अवतारणा इसीलिए हुई है।
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