हिंदी शब्दसागर अर्थात् हिंदी भाषा का एक बृहत् कोश आठवाँ खण्ड | Hindi Shabdsagar Arthat Hindi Bhasha Ka Ek Brihat Kosh Khand 8

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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{ ३२ ) হী | देमेरी, देसिरे ইন, হাতত | ইল ইসি धरम देते [ ददी, दिर 15751558541 पण ছু [देगेगे,देसिए | ইতি হন रेसेगे, देपिई | উচিত ইনি भम ধা ক কিন থা বহন ক কট হর 11 হর! भूत काल ( सकर्मक ) & - 1 “मैं करता था” मृत ( कर्मक ) .- “আনা” पुकदचन डे ` ` बहुबचन ह ह কেবিন बहुवचन শষ্য 1 । - - पुस्प- |---------- 7 ২ न पुदधिग | खीछिंग | আদ] আও | खीलिंग ~ ~ पर्षि | सोखिग इच्चित } লীগ, २० १० | तो, खनद, | विये, कीनो | विये, वानो, | करयो, नत, +~ क्षी ५ | ए रा करो क्यो कहो 8 তি ० 4० ৮ श 9 श्र कि, वि सवां | 1 ॥ # | # # | » 9» | # » भूत सके “करना” 1 एकयवन ' बहुपचन রা पुस्प ক फिर क / ৬ (३) सकमेक-मुख्य বাই | আব | খর | सरि = - দিনা संशा--कस्नो, करियो, कीथो सव | नौ द | দর घतेमान दंत कनरि-फरतो, करती 7 भूत एटदेत फम॑णि- कियो, फीन्दो, फश्य, क्रियो, ययो ४ वर्तमान पूर्ण (सफर्मक)% कसना धर्तमान संभाव्याथथ न्म देः एक्पचन बहुयचन আদ] ক एकघन | यहुयचन पुग | 0 पुद्चेय | शग ५ ১ | ৯ রিল है ० पु (१ (হন) ইন | থা কিবা হীন ग* धु० (६) दे+े ( श्म) देषो ०. | ॥ | अभ्र० पु० (१६) হণ (९ ) देसे ০] -- श प्रफमका ६४ 1 भजाना आशार्ध ঈ অন্যজন फा कप देख ओर यटुयचन धतमान पूण (अफमकः) “जाना फा रूप दसौ, होता द - पषवखन्‌ बटु शुष्य ( 5 | के भध ३० | २५ शपिष्य “देखना” छह पु० ष्पो शो দা चर हैं 1 प्रे भन पुर भगोर गदर रे হী 1 भ्त ১১৬ बटूषयन १०० |` ण्धोदे नरे দই 1 ৪২ ছুত্রিল | मन 1১ | स्पीडटिंग श ४१ সসেজ লই (४७) दुंदली मापा-- सह से मिलती হুলযী হা उसी दी एक शाणा युँदेली या एुंदेशपंडी गौ है, डिसफो छापा किया की भाषा में परापर मिलती है। पद मापा सुंदेस्पड, ग्यागियर भौर मण्य प्रदेश के; कुछ शितों में 1 गदनद দি ব্য ই জহুর হট হি দান জবা হীন ।




User Reviews

  • rakesh jain

    at 2020-12-02 16:01:43
    Rated : 8 out of 10 stars.
    CATEGORY OF THIS BOOK MAY BE LANGUAGE/HINDI, EDUCATIONAL/OTHERS, REFERENCE. ONE MORE CATEGORY HEAD SHOULD BE OPENED IN NAME OF DICTIONARIES. UNDER THIS HEAD SUB HEADS SHOULD BE OPENED LIKE - HINDI, SANSKRIT, MARATHI, GUJRATHI AND OTHERS. THIS BOOK MAY ALSO BE PLACED UNDER DICTIONARIES/HINDI.
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